नई दिल्ली। PM NARENDRA MODI की
सरकार देश भर के तमाम प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी
को पूरा करने के लिए एक नई SCHEME बना रही है। यदि यह योजना लागू हो गई तो
देश भर के GOVERNMENT SCHOOL में TEACHERS की RECRUITMENT ही बंद हो जाएगी।
बता दें कि देश भर के स्कूलों में शिक्षकों की कमी और नियुक्ति
प्रक्रियाओं सहित सेवा शर्तों को लेकर सरकार काफी तनाव में है। बीएड पास
अभ्यर्थी हर साल भर्ती कराने के लिए दवाब बनाते हैं तो अतिथि शिक्षक,
संविदा शिक्षक, अध्यापक, शिक्षामित्र और इस तरह के तमाम पदों पर कार्यरत
शिक्षक समान काम समान वेतन की मांग करते हैं। अब सरकार एक ऐसी योजना बना
रही है, जिसके लागू होते ही ना रहेगा बांस, ना बजेगी बांसुरी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों से आसपास के
शिक्षण संस्थानों में सहूलियत के हिसाब से अपनी सेवाएं देने की अपील कर
चुके हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD MINISTRY) ने इस दिशा में नया
मसौदा तैयार किया है। इसके मुताबिक, स्नातक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत
छात्रों को हर हाल में प्रति सप्ताह तीन घंटे का शिक्षण कार्य (FREE
TEACHING JOB) अनिवार्य होगा। यह कोर्स एक महीने से लेकर तीन महीने का हो
सकता है। बीएड की पढ़ाई में तो यह कार्य नियमित रूप से करना ही पड़ता है
लेकिन अब यह प्रावधान संभवतः सभी तरह के स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए होगा।
सालाना 2.75 करोड़ छात्र स्नातक कक्षाओं में प्रवेश लेते हैं। इनमें 3.5 लाख
इंजीनियरिंग के छात्र होते हैं। फिलहाल देश में लगभग 800 विश्वविद्यालय और
94 केंद्रीय विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं जबकि लगभग 4000 कॉलेजों में
स्नातक तैयार हो रहे हैं। इसी तरह 76 कृषि विश्वविद्यालयों और 1000 कृषि
कॉलेजों में स्नातक छात्र दाखिला प्राप्त करते हैं।
प्राइमरी स्कूलों में 3.75 लाख शिक्षकों की कमी
इसके विपरीत प्राइमरी स्कूलों में कुल 3.75 लाख शिक्षकों की कमी है, जिससे
शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। देश में अभिभावक-शिक्षक अनुपात (पीटीआर)
में भी भारी असंतुलन है। अमेरिका और चीन जैसे देशों में पीटीआर 14 और 19
है, जबकि भारत में यह 43 है। इसमें उत्तर प्रदेश और बिहार की हालत सबसे
ज्यादा पस्त है, जहां पीटीआर 79 और 76 है।
sponsored links:
0 Comments