प्रक्रिया को नहीं रोका जाएगा। 1गौरतलब है कि सपा शासन में आयोग ने विभिन्न विभागों के समूह ‘ग’ के 20335 पदों पर भर्ती की थी। इसमें भ्रष्टाचार की तमाम शिकायतें सामने आई थीं। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद इन नियुक्तियों की विजिलेंस जांच का फैसला किया था। इसके बाद से पूरी प्रक्रिया ठप पड़ी थी। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में शुक्रवार को अभ्यर्थियों के हितों को देखते हुए प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया। आयोग इससे पहले मुख्य सचिव के साथ बैठक करके जांच जल्द पूरी करने का आग्रह कर चुका है।1आयोग के गठन के बाद हुई इस दूसरी बैठक में कई और भी किए गए। कई विभागों की अलग-अलग होने वाली परीक्षाओं की संख्या को कम करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। अध्यक्ष पालीवाल ने बताया कि सेवा नियमावली के अलग-अलग नियमों की वजह से आयोग को अब तक कई विभागों की अलग-अलग परीक्षाएं करानी पड़ती थी। यह पाया गया कि सभी भर्तियां समूह ‘ग’ की हैं और उनके वेतन बैंड भी लगभग बराबर हैं। 1एक अध्ययन कराकर यह तय किया जाएगा कि किन-किन विभागों की परीक्षाएं एक साथ कराई जा सकती हैं। इसका प्रारूप वैसा ही होगा जैसा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पीसीएस-लोअर परीक्षाओं में अपनाता है।
- अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की बैठक में महत्वपूर्ण फैसला
- विजिलेंस जांच जारी रहेगी, भर्ती प्रक्रिया चलती रहेगी
- विभागों की अलग होने वाली परीक्षाओं की संख्या कम होगी
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