राज्य ब्यूरो, लखनऊ : हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने प्राइमरी
शिक्षकों की भर्ती में अन्य राज्य के दावेदारों को शामिल करने का फैसला
जरूर किया है लेकिन, इससे प्रदेश के अभ्यर्थियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का
सामना करना पड़ेगा।
सरकार के इस आदेश से समीपवर्ती
राज्यों मसलन उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश आदि के अभ्यर्थियों को विशेष
रूप से लाभ मिलेगा। इस भर्ती के लिए राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)
पास करना महत्वपूर्ण है। प्रदेश में टीईटी काफी प्रतिस्पर्धी है और कड़े
मानकों के साथ आयोजित कराई जाती है। इसीलिए इस परीक्षा में सफलता का
प्रतिशत काफी कम ही रहता है। अन्य राज्यों में टीईटी थोड़ा आसान है।
हालांकि राज्य सरकार के इस फैसले का लाभ वर्तमान में चल रही 68500 शिक्षकों
की भर्ती में बाहर के अभ्यर्थियों को शायद ही मिल पाए क्योंकि इसके
पंजीकरण की आखिरी तारीख पांच फरवरी तय थी।
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