स्वास्थ्य ठीक तो सेवानिवृत्ति के बाद भी पढ़ाते रहेंगे शिक्षक, शिक्षकों के खाली पदों को तेजी से भरने का फैसला

नई दिल्ली : शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार में जुटी सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों को तेजी से भरने का फैसला लिया है।
अगले तीन महीनें में शिक्षकों के करीब पचास फीसद खाली पदों को भरने की योजना है। इसके लिए जो कदम उठाए गए हैं, उनमें स्वास्थ्य ठीक है तो सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों की सेवाएं आगे भी जारी रखना शामिल है। संविदा के आधार पर उनकी सेवाएं ली जाएंगी।


विवि के खाली पदों को भरने के लिए आपरेशन फैकल्टी रीचार्ज नाम की एक नई योजना भी शुरू की गई है। इसके अलावा भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पांच-पांच विजिटर नामित किए गए हैं, जिन्हें समयबद्ध योजना के तहत खाली पदों को भरने का जिम्मा दिया गया है।

मंत्रलय से जुड़े अधिकारियों के मुताबकि, इस समस्या से निपटने के लिए जो सबसे बड़ी पहल की गई है, वह फिटनेस के आधार पर सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवाओं को नियमित रखने का फैसला है। अभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 साल है। इसके बाद वह घर बैठ जाते थे। शिक्षकों की कमी के चलते कुछ विश्वविद्यालयों ने संविदा आधार पर नियुक्ति की व्यवस्था शुरू की है। यह नियुक्ति अब तक सिर्फ एक या दो साल के लिए ही की जाती रही है। लेकिन अब वह तब तक पढ़ा सकेंगे, जब तक उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है। यूजीसी ने इसके लिए अधिकतम आयु सीमा 70 साल तय की है। लेकिन वह इसके बाद भी पढ़ा सकेंगे। इसके लिए उन्हें हर साल विवि प्रशासन को अपना एक फिटनेस प्रमाण पत्र देना होगा।

sponsored links: