इलाहाबाद : यूपी बोर्ड परीक्षा में नया रिकॉर्ड बना है। दस लाख से अधिक
छात्र-छात्रओं ने हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा छोड़ दी है। यह आंकड़ा
परीक्षा के चौथे दिन का है। पिछले वर्षो में अधिकतम साढ़े छह लाख छात्रों
ने ही
इम्तिहान से किनारा किया। बड़ी संख्या में परीक्षा
छोड़ने का कारण नकल पर प्रभावी अंकुश लगना है।
इसमें सरकार की दृढ़
इच्छाशक्ति, परीक्षा केंद्रों में संसाधन जुटाना और शिक्षा व प्रशासन के
अफसरों का सामंजस्य नकलचियों पर भारी पड़ा है।1इसे संयोग ही कहेंगे कि बीते
वर्ष योगी सरकार 19 मार्च को सत्तारूढ़ हुई तो उसके चंद दिन पहले (16
मार्च से) ही यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हुई। मंत्रिमंडल गठन व विभाग
आवंटन होते परीक्षाएं अंतिम दौर में पहुंच गईं। ऐसे में सरकार उसी समय से
अगले वर्ष की परीक्षा तैयारियों में जुट गई। 2018 में परीक्षा शुरू होने की
तारीख व विस्तृत परीक्षा कार्यक्रम तय समय से काफी पहले घोषित किया गया,
ताकि परीक्षार्थियों को तैयारी करने का पूरा मौका मिले, फिर परीक्षा
केंद्रों के संसाधन व उनके निर्धारण पर फोकस किया गया।
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