लखनऊ : विधान परिषद में शुक्रवार को सभापति रमेश यादव ने सरकार को धरना
प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले शिक्षामित्रों के बारे में सपा सदस्य
आनंद भदौरिया की ओर से सौंपी गई सूची के आधार पर मामले की जांच कराने का
निर्देश दिया। उन्होंने सरकार को यह भी निर्देश दिया कि सभी शिक्षामित्रों
को 10 हजार रुपये मानदेय
सुनिश्चित किया जाए।
प्रश्नकाल के दौरान भदौरिया ने बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल से सवाल
किया था कि अपनी मांगों को लेकर किये गए धरना प्रदर्शन में कितने
शिक्षामित्रों की जान गई थी। उन्होंने यह भी पूछा था कि जान गंवाने
शिक्षामित्रों को कितना मुआवजा दिया गया है। जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री
ने कहा कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से प्राप्त सूचना के अनुसार धरना
प्रदर्शन में किसी शिक्षामित्र की मृत्यु नहीं हुई है। इस पर भदौरिया ने
कहा कि यूं तो धरना प्रदर्शनों के दौरान प्रदेश में 400 से अधिक
शिक्षामित्र जान गंवा चुके हैं लेकिन इस समय उनके पास ऐसे 104
शिक्षामित्रों की सूची उपलब्ध है। उन्होंने यह सूची सभापति को सौंपते हुए
इसके आधार पर मामले की जांच कराने का अनुरोध किया। इस पर सभापति ने सरकार
को निर्देश दिया कि वह सूची में दिये गए तथ्यों के आधार पर मामले की जांच
कराए। 1भदौरिया ने यह भी कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत नियुक्त
शिक्षामित्रों को जहां 10 हजार रुपये मासिक मानदेय मिल रहा है, वहीं उनकी
सुनिश्चित जानकारी है कि लखीमपुर खीरी और सीतापुर में परिषदीय स्कूलों में
बड़ी संख्या में तैनात शिक्षामित्रों को अभी 3500 रुपये मानिक मानदेय दिया
जा रहा है। उन्होंने इस भेदभाव को दूर करने की मांग की। इस पर सभापति ने
सरकार को निर्देश दिया कि सभी शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाकर 10 हजार
रुपये किया जाए। सवाल-जवाब के दौरान सपा सदस्यों और सत्ता पक्ष में नोकझोंक
भी हुई।
sponsored links:
0 Comments