*टेट याचिका ग्राउंड रिपोर्ट लखनऊ उच्च न्यायालय:-*
सरकार की तरफ से आज चीफ स्टैंडिंग काउंसल उपस्थित हुए, आते
ही इन्होंने, कहा कि माय लॉर्ड हमे थोड़ा समय और दीजिये, तब जस्टिस चौहान ने
कहा नही अब मैं 15 फरवरी को बैठूंगा। 12 को याचियों हेतु दी गयी
प्रोटेक्शन खत्म हो रही, आज कुछ कहिए, अदरवाइस मुझे इनकी प्रोटेक्शन
इनक्रीज करनी पड़ेगी।
सीएससी ने कहा सर मुझे 3 बजे जाना है, तब जज साहब ने तुरंत ही बहस की अनुमति दे दी, तब हमारे पालनहार अधिवक्ता श्री अमित भदौरिया साहब ने मोर्चा संभाला और कहा, माय लॉर्ड पीएनपी ने जो सबूत लगाए हैं, वो खुद इनके खिलाफ हैं।
फिर संस्कृत के एक प्रश्न को उठाया गया, जिसमें संबोधन का जिक्र नही था और पीएनपी ने जो उत्तर सही माना, इसके काउंटर में सरकारी वकील ने कहा, दिस इज अ नियरेस्ट आंसर जज साहब बोले कैसे, दिस इज नो न्यूमेरिकल। सरकारी वकील ने एक किताब दिखाई कोर्ट को और बताया लॉर्डशिप इस किताब में संबोधन का चिन्ह नही है, इसलिए यह किताब सरकार का समर्थन करती है। तुरंत हमारे अधिवक्ता श्री भदौरिया साहब ने इनके इस सबूत को मिसप्रिंट करार दिया, क्योंकि हमारे पास उस प्रश्न की 5 पुस्तकें थीं और सभी में संबोधन का चिन्ह था।
अब बात आई आउट ऑफ सिलेबस की, जिसमे सरकारी वकील ने कहा कि ये सभी प्रश्न सामाजिक विषय से संबंधित हैं, जिसके काउंटर में हमारे अधिवक्ता ने एनसीटीई तथा यूपी टेट की वह गाइडलाइंस दिखाई, जिससे आउट ऑफ सिलेबस की समस्या का भी समाधान हो गया। अब तक 1:30 घण्टे की बहस हो चुकी थी, आज सरकारी वकील को किसी भी प्रकार की राहत नही मिली। वो अपनी अर्थहीन बातों को केवल कहते रहे, कोर्ट ने हर एक बात को खारिज किया, कोर्ट को व्हाट्सऐप चैटिंग जिससे विशेषज्ञ की रिपोर्ट मंगाई गई थी, उस पर कोर्ट खासा नाराज हुई। आज की बहस में शुरू से लेकर आखिर तक अर्थात अंतिम निर्णय तक कि सम्भावनाओ को जस्टिस चौहान ने जाँचा और परखा तथा विपक्ष के सभी पक्षों की हकीकत से रूबरू हुए।
इसी के साथ याचियों हेतु प्रोटेक्शन के तौर पर पंजीकरण की तिथि को 12 से *19 फरवरी* कर दिया गया है। अगली बहस 15 फरवरी के पहले बेंच की उपलब्धता पर निर्भर करेगी।
*आकाश पटेल-उन्नाव* *9451683646*
*(प्रदेश विधि सलाहकार ट्रेनी टीचर्स परिवार वेलफेयर एसोसिएशन)*
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