प्रतियोगियों ने निकाला कैंडल मार्च, देश भर में 16 मार्च से करेंगे बेमियादी अनशन, शिक्षक भी एसएससी प्रतियोगियों के साथ

जिलाधिकारी कार्यालय के गेट समीप विरोध जताते प्रतियोगी छात्र-छात्रएं।राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : कर्मचारी चयन आयोग के खिलाफ दिनों दिन मुखर हो रहे प्रतियोगियों ने चेतावनी दी है कि 16 मार्च से देशव्यापी बेमियादी अनशन शुरू कर देंगे। इसमें प्रतियोगियों के साथ शिक्षक भी शामिल होंगे।
वहीं बुधवार को आंदोलनकारियों ने एसएससी के मध्य क्षेत्रीय कार्यालय से कटरा मनमोहन चौराहे तक कैंडल मार्च निकाला और आयोग के खिलाफ खूब नारेबाजी की। 1इलाहाबाद के लाउदर रोड पर स्थित एसएससी के मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यालय पर सैकड़ों अभ्यर्थी लगातार अनशन कर रहे हैं। इनमें यूपी ही नहीं बिहार में रहने वाले प्रतियोगी भी शामिल हैं। उनकी मांग है कि एसएससी की ओर से 2013 से अब तक कराई गई सभी भर्तियों की सीबीआइ जांच हो और वर्तमान में चल रही परीक्षाएं भी रोकी जाएं। एसएससी के अध्यक्ष असीम खुराना और कार्मिक व प्रशिक्षण मंत्री जीतेंद्र सिंह को हटाया जाए। बुधवार को प्रतियोगी मोमबत्तियां लेकर एसएससी कार्यालय से कटरा मनमोहन चौराहा तक गए और फिर अनशन स्थल पर लौटे। प्रतियोगियों के प्रतिनिधि मंडल सदस्य सौरभ मिश्र ने बताया कि एसएससी के खिलाफ आंदोलन तभी खत्म होगा जब उनकी मांगे मान ली जाएंगी।
अनशनकारी अधिवक्ता की बिगड़ी तबीयत1राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद :एसएससी में भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर क्रमिक अनशन कर रहे युवा अधिवक्ताओं में बुधवार को नरेंद्र राणा बेहोश हो गए। यह देख उनके अन्य साथी घबरा गए। डाक्टरों को बुलाकर उनका इलाज करवाया गया। सेहत ठीक हो जाने पर उन्होंने पानी पीने से मना कर दिया। कर्मचारी चयन आयोग की ओर से हुई सिपाही भर्ती परीक्षा 2011 में भ्रष्टाचार का आरोप लगा युवा अधिवक्ता संघ उच्च न्यायालय, ने मांग रखी है कि इस परीक्षा की सीबीआइ जांच हो। कहा कि सरकार की गलत नीतियों और परीक्षा आयोगों में व्याप्त भ्रष्टाचार से शिक्षित युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। जबकि सबकुछ देखते हुए भी सरकारें चुप हैं। कहा कि सिपाही भर्ती की सीबीआइ जांच होने तक अनशन जारी रहेगा। इस अवसर पर युवा अधिवक्ता संघ बिजनौर, युवा अधिवक्ता संघ अमरोहा और युवा अधिवक्ता संघ बागपत के प्रतिनिधियों ने पहुंचकर समर्थन दिया। अधिवक्ता पवन यादव, नरेंद्र राणा, हेमंत शुक्ला, संजीव, शैलेंद्र आदि अनशन पर बैठे रहे।1

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