यूजीसी के सर्कुलर की जलाईं प्रतियां, शिक्षक भर्ती में आरक्षण विवाद का मुद्दा गहराया

इलाहाबाद : स्टूडेंट फॉर रिप्रजेंटेशन तथा एडवोकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में बालसन चौराहे पर गांधी प्रतिमा के सामने यूजीसी सकरुलर 2018 तथा नेट/जेआरएफ की प्रतियों को जलाया गया।
दरअसल, यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार शिक्षक भर्ती में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा दिव्यांगों को अभी तक विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय को इकाई मानकर आरक्षण दिया जाता था, जिसे यूजीसी ने परिवर्तित कर अब विभाग को इकाई मानकर नियुक्ति करने का फरमान जारी किया है।1इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष अवनीश यादव का कहना है कि इससे उपरोक्त सभी संवर्गो का उच्च शिक्षा में भारत सरकार द्वारा दिए गए आरक्षित प्रतिशत (15 प्रतिशत एससी, 7.5 प्रतिशत एसटी, 27 प्रतिशत ओबीसी तथा तीन फीसद दिव्यांग) से बहुत कम हो जाएगा। ये इसलिये होगा, क्योंकि नई व्यवस्था के अंतर्गत विभागों में रिक्तियों की संख्या बहुत कम साधारणत: चार या पांच ही होते हैं। ऐसे में विभागवार आरक्षण को लागू कर पाना ही संभव नहीं होगा, जबकि कम से कम चार पद होने पर ओबीसी, 7 पद होने पर एससी, 15 पद होने पर एसटी और 33 पद होने पर दिव्यांगों का पद आरक्षित होगा। साक्षारणत : विभागों में इतनी रिक्तियां होती ही नहीं हैं। नई व्यवस्था से दिव्यांग, आदिवासी, दलित, पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के अभ्यर्थियों को सबसे अधिक नुकसान होगा। इन वर्गो के बैकलाग पद न भरने से वर्ष 2016-2017 की यूजीसी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार इन वर्गो का शिक्षण पदों पर प्रतिनिधित्व मात्र 19 प्रतिशत है, जबकि यह 49.5 फीसदी होना चाहिए। छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर 15 मार्च तक यूजीसी ने आदेश वापस नही लिया तो 16 मार्च को इविवि के छात्रसंघ भवन पर सभी छात्रों द्वारा यूजीसी तथा मानव संसाधन विकास मंत्रलय का पुतला दहन किया जाएगा। प्रदर्शन में इविवि छात्रसंघ अध्यक्ष अवनीश यादव, रंजीत सरोज, पंकज चौधरी, मनोज यादव, अजय प्रकाश सरोज, अंकुश यादव, सुनील यादव, सूरज कुमार बौद्ध, विजय सरोज, विकास भारती, चंद्र प्रकाश निगम, अली अहमद, राजेंद्र कनौजिया, आशीष सरोज, रत्नेश सरोज आदि उपस्थित रहे।

sponsored links: