होमगार्ड अभ्यर्थियों से बेखौफ वसूली: 100-100 रुपये वसूलने के बाद फिजिकल टेस्ट के लिए भेजा अंदर,पुरुष से महिला अभ्यर्थी की नाप कराने के बाद अब रिश्वत का खेल

यह तो हद हो गई। सीएमओ दफ्तर में होमगार्ड भर्ती में महिला अभ्यर्थियों की नाप बुधवार को पुरुष चपरासी से कराने के बाद गुरुवार को खुलेआम रिश्वत वसूली गई।
फिजिकल टेस्ट के लिए अभ्यर्थियों से वसूली का जिम्मा एक व्यक्ति को दिया गया था। उसने लिस्ट देखकर एक-एक कर सभी अभ्यर्थियों से 100-100 रुपये वसूले। 1जिले में होमगार्ड भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। कुल 85 पदों के लिए 1099 लोगों ने आवेदन किया था। इसमें पांच महिला अभ्यर्थी के भी पद हैं। दौड़ में सफल 158 अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट सीएमओ ऑफिस में मेडिकल बोर्ड द्वारा किया जा रहा है। गुरुवार को टेस्ट के लिए किस अभ्यर्थी को अंदर भेजना है, यह कार्य एक युवक को दिया गया था। अभ्यर्थियों की सूची हाथ में लिए वह युवक एक-एक अभ्यर्थियों से 100-100 रुपये खुलेआम वसूल रहा था। रुपये देने वाले अभ्यर्थियों के नाम के आगे सही निशान का टिक लगाकर वह एक-एक को अंदर भेज रहा था। वसूली के संबंध में पूछा गया तो उसने बेखौफ होकर बताया कि हमें इसके बारे में नहीं पता। हमें तो डॉक्टर साहब ने कहा है इसलिए सभी से रुपये ले रहे हैं। यदि आपको कोई परेशानी हो तो अंदर जाकर डॉक्टर साहब से बात करिए। जब अंदर मेडिकल बोर्ड के लोगों से बात की गई तो उनके द्वारा कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। 1दूसरे दिन भी चपरासी ने की नाप: हद देखिए कि होमगार्ड अभ्यर्थियों के फिजिकल टेस्ट का काम गुरुवार को भी वही चपरासी कर रहा था, जिसने बुधवार को पुरुष व महिला अभ्यर्थियों की नाम की थी। यह सब काम सीएमओ कक्ष के ठीक बगल वाले कमरे में चला। 1इलाहाबाद के सीएमओ ऑफिस में होमगार्ड अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट कहने को तो नि:शुल्क है लेकिन गेट पर 100-100 रुपये सभी से वसूले गए। ’ शरद मालवीय
100-100 रुपये वसूलने के बाद फिजिकल टेस्ट के लिए भेजा अंदर
पुरुष से महिला अभ्यर्थी की नाप कराने के बाद अब रिश्वत का खेल
होमगार्ड भर्ती में अनियमितता की जानकारी मुङो नहीं है। यदि फिजिकल टेस्ट के दौरान सीएमओ आफिस में रिश्वत लेने की शिकायत सही पाई गई तो कार्रवाई होगी। नापजोख चपरासी द्वारा करने की जांच कराई जा रही है।
सूर्य कुमार शुक्ला, डीजी होमगार्ड।
होमगार्ड अभ्यर्थियों के फिजिकल टेस्ट के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाना है। कौन रुपये वसूल रहा था, हमें नहीं पता है। हमारे यहां से किसी तरह की वसूली करने के लिए नहीं कहा गया था।
डॉ. महानंद यादव, नोडल अधिकारी मेडिकल बोर्ड।


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