बागपत में 674 प्राथमिक स्कूलों में करीब ढाई हजार शिक्षक कार्यरत हैं।
अधिकांश के पास स्मार्टफोन हैं। कई शिक्षक स्कूल के समय स्मार्टफोन पर
फेसबुक, वाट्सएप, ट्वीटर और यू-टयूब आदि सोशल साइट देखते रहते हैं या काल
कर दूसरों से बात करते हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई तो चौपट होती ही है, कई
बार सोशल साइट पर अनावश्यक राजनीतिक, विभागीय तथा सामाजिक अफवाहों को शेयर
कर विवाद की स्थिति पैदा कर दी जाती है। अब बीएसए ने सभी खंड शिक्षा
अधिकारियों को स्कूल समय में शिक्षकों के मोबाइल फोन के इस्तेमाल करने पर
सख्ती से रोक लगाने का निर्देश दिया है। अपरिहार्य परिस्थिति में केवल
हेडमास्टर फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों
का निरीक्षण करने व हेडमास्टरों से फीडबैक लेकर उन शिक्षकों की सूची बनाने
का निर्देश दिया है, जो स्कूल समय में फोन चलाते हैं। इससे इतर जिन बच्चों
का शैक्षिक स्तर अच्छा मिलेगा, उनके शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि गत साल बीएसए को बड़ौत एरिया की एक शिक्षिका को इसलिए निलंबित
करना पड़ा, क्योंकि उसने सोशल साइट पर प्रधानमंत्री के खिलाफ आई कोई
टिप्पणी अपने मोबाइल फोन से फारवर्ड कर दी थी।
बच्चे होनहार, तभी होगी
शिक्षक की वेतन वृद्धि
बागपत: खंड शिक्षा अधिकारी राजलक्ष्मी पांडेय ने बताया कि खेकड़ा ब्लाक में
70 प्राथमिक स्कूल तथा 35 उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को
भाषा यानी हंिदूी का एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिलाएंगी। बाकी विषयों के
शिक्षकों को भी एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिलाएंगी, ताकि वे जरूरत पड़ने पर
दूसरे विषयों को पढ़ा सकें। हर शिक्षक को बच्चों को होनहार बनाने का लक्ष्य
दिया जाएगा।
हर माह बच्चों का टेस्ट लेकर शिक्षकों का मूल्यांकन होगा। जो बच्चे होनहार मिलेंगे, उनके शिक्षकों को ही वेतन बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा।