उप्र लोकसेवा आयोग से पांच साल में हुई भर्तियों की में घोषित तौर पर
पूछताछ सोमवार से शुरू हुई। कई चयनितों ने आकर अधिकारियों को अपने चयन,
आयोग में रिश्ते, राजनीतिक जुड़ाव और पारिवारिक पृष्ठभूमि की जानकारी दी।
सीबीआइ की ओर से भेजे गए समन के सापेक्ष आने वाले चयनितों की संख्या कम ही
रही।
इस बीच सीबीआइ ने उन से प्रोफार्मा भरवाया और सभी जानकारी सही होने व
इसके उत्तरदायी होने पर हस्ताक्षर भी करवाए।
इलाहाबाद के गोविंदपुर स्थित कैंप कार्यालय पर के चयनित अभ्यर्थियों का आना
सुबह साढ़े 10 बजे शुरू हो गया था। दोपहर तक एक महिला चयनित अभ्यर्थी समेत
कुल सात लोग सीबीआइ अफसरों के सामने पेश हुए। इन सभी से अफसरों ने मौखिक
पूछताछ की और पहले से निर्धारित किया गया प्रोफार्मा भी भरवाया। सीबीआइ ने
दो दर्जन से अधिक प्रश्नों की फेहरिस्त तैयार की थी। चयनितों से अलग-अलग
जांच अधिकारियों ने पूछताछ की। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि, सामाजिक और
राजनीतिक पैठ, पीसीएस परीक्षा में कितनी बार बैठे, वर्तमान तैनाती स्थल पर
परिचितों में कौन-कौन, उप्र लोकसेवा आयोग में कौन परिचित, परीक्षा उत्तीर्ण
होने, उसके पहले और अब तक आयोग में किस-किस से फोन पर बात हुई। 1बैंक खाता
संख्या, परिवार और खास रिश्तेदार की बैंक खाता संख्या भी सीबीआइ ने संकलित
की। इन सभी चयनितों से भरवाए गए प्रोफार्मा पर यह हस्ताक्षर भी करवाए गए
कि उन्होंने जो उत्तर दिए हैं उसके उत्तरदायी वे स्वयं होंगे। सीबीआइ की
पूछताछ का सिलसिला अभी जारी रहेगा, क्योंकि पहले दिन सिर्फ सात अभ्यर्थी ही
आए थे, उन्हीं से दिन भर पूछताछ चली। बाकी अभ्यर्थियों को अगली तारीखों
में तलब किया गया है।
मॉडरेटर और विशेषज्ञ से रिश्ते की पड़ताल
भर्तियों में धांधली का सच जानने के लिए सीबीआइ ने चयनितों से मॉडरेटर और
विशेषज्ञों से भी रिश्ते की पड़ताल की। उनकी किन विशेषज्ञों से जान पहचान
थी। साथ ही किस मॉडरेटर से परिचय था। सीबीआइ अफसरों की ओर से हुए सवालों
में कई बार चयनित अभ्यर्थी उलझते भी नजर आए। पूछताछ में एक-एक चयनित से
अलग-अलग अफसरों ने पूछताछ की। किसी ने पांच साल किए किसी ने 10 सवाल।
आयोग से हुई भर्तियों में पूर्व अध्यक्ष डा. अनिल यादव और चयनित
अभ्यर्थियों के बीच ‘सेतु’ बने अधिकारियों/कर्मचारियों में हड़बड़ी मची है।
सोमवार को सीबीआइ के समक्ष चयनितों की पेशी ने आयोग में हड़कंप रहा।
कंप्यूटर और परीक्षा विभाग में जिन्हें पूर्व अध्यक्ष की सरपरस्ती मिली थी
उन्होंने बचने का रास्ता भी तलाशना शुरू कर दिया है। वहीं, तत्कालीन सेक्शन
प्रभारियों को सीबीआइ के गवाह बन चुके आयोग के कर्मचारियों से खतरा
उत्पन्न हो गया है।आयोग में पिछले दिनों तक सब कुछ सामान्य था लेकिन, जब से
चयनित अभ्यर्थियों को सीबीआइ की ओर से समन भेजे जाने की खबर फैली तभी से
अधिकारियों और कर्मचारियों के चेहरे पर हवाइयां उड़ी हैं। सोमवार को कई
चयनितों के इलाहाबाद आने और सीबीआइ के समक्ष पेशी के दौरान आयोग में
कानाफूसी जारी रही। पूर्व अध्यक्ष डा. अनिल यादव के कार्यकाल में गोपन
विभाग में तैनात रहे एक अधिकारी इस समय दूसरे विभागों में कार्यरत हैं।
सीबीआइ को भी भर्तियों में इनकी भूमिका संदेहास्पद मिली है। इसके अलावा
कंप्यूटर विभाग में तैनात एक अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। सीबीआइ की
पूछताछ शुरू होने पर इन अधिकारियों ने राजनीति में अपने संबंधों को भुनाने
का प्रयास शुरू कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि कुछ कर्मचारी भी पूर्व
अध्यक्ष के करीबी रहे हैं उनके भी हाथ पांव फूल रहे हैं। सीबीआइ के शिकंजे
में आकर टूटे इन कर्मचारियों की भी सोमवार को कैंप कार्यालय में चयनितों से
हुई पूछताछ पर नजर रही। सीबीआइ सूत्रों की मानें तो चयनितों से मिली
जानकारी के आधार पर आयोग कर्मियों से भी जल्दी ही पूछताछ की जाएगी।
Information on UPTET Exam , Results , UPTET Admit Cards , 69000 Shikshak Bharti , Counselling , Niyukti Patra for UP Teachers & other related information
Ads Section
Follow Us
- ख़बरें अब तक
- सरकारी नौकरी
- Big Breaking News :सुप्रीमकोर्ट , शिक्षामित्र केस
- UPTET Merit / Counseling / Appointment
- rss
- MNP
- Online Bill Payment
- Online Booking
- Plan Change
- Registration / Payment Process for Landline
- SMS & Voice Calls
- Unlimited Calls
- Unlimited Internet Plan
- VAS services
- WiFi Hotspots
Breaking Posts
Breaking News
- प्रशिक्षु शिक्षक चयन-2011 (12091 अभ्यर्थियों की सूची) डाउनलोड करें
- आश्रम पद्धति के स्कूल के शिक्षकों का वर्तमान वेतनमान/मानदेय
- समस्त AD बेसिक व BSA के CUG मोबाइल नम्बर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News
- Breaking - 12091 candidate की list online : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News
- 2004 में शिक्षामित्रों की नियुक्तियों हेतु जारी विज्ञप्ति: इसी विज्ञप्ति के आधार पर हुआ था शिक्षामित्रों की का चयन
Top Post Ad
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment