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आखिरकार अधर में क्यों लटकी है 1240 शिक्षकों की जांच? जानिए सच

 अलीगढ़ : जिले में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 2011 से 2018 तक नियुक्ति 1240 से ज्यादा शिक्षकों के दस्तावेजों व पात्रता की जांच अधर में लटकी हुई है। जांच को शीघ्र पूरा नहीं किया जा रहा है। इनमें संबंधित जांच अधिकारियों के अपने लोग भी हैं।
मौजूदा इन हालत में मुख्यमंत्री के निर्देश पर पर ही जांच तेजी आ सकती है। खास बात यह है कि मथुरा में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति पर बीएसए के निलंबन के बाद पूरे प्रदेश में जांच कराई जा रही है। एक माह पहले शिक्षा निदेशक (बेसिक) डॉ. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने अलीगढ़ में शिक्षकों की नियुक्तियों की जांच के लिए मथुरा डायट के प्राचार्य की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम बनाई गई थी। इसके बाद शासन से अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार ने जांच के लिए प्रदेशभर में अपर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (वित्त व राजस्व) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित करने के निर्देश 20 जुलाई को दिए। इसमें अपर पुलिस अधीक्षक व सहायक मंडलीय शिक्षा निदेशक (बेसिक) सदस्य बनाए गए थे। इस टीम को नौ बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजनी है, जो अभी अधर में है। डीएम के निर्देशन में शासन की टीम नियुक्तियों की जांच शुरू कर दी है। निदेशक की ओर से गठित टीम भी साथ है।

बताते चलें कि प्रदेश में 2011 से 2018 तक 72825, 12460, 15000, 16448 सहायक अध्यापक (प्राइमरी) व 3500 उर्दू शिक्षकों भर्ती की गई। इनमें अलीगढ़ में 1240 से ज्यादा शिक्षकों को नियुक्तियां मिली हैं। इन सभी के प्रपत्रों समेत भर्ती संबंधी नौ बिंदुओं पर जांच की होनी है।
सात जिलों के शिक्षक घेरे में
अलीगढ़, आगरा, फीरोजाबाद, हाथरस, मुरादाबाद, फतेहपुर व हरदोई में उस दौरान हुई शिक्षक भर्तियों की जांच की जाएगी।

नौ बिंदुओं पर जांच
1- चयन वर्ष में प्रकाशित मेरिट लिस्ट से मिलान।
2- चयनित सूची में शामिल शिक्षकों ने इसके लिए आवेदन किया।
3- किसने नियुक्ति पत्र रजिस्टर डाक के बजाय सीधे बीएसए दफ्तर से लिए।
4- पुलिस सत्यापन मूल पते पर कराया गया या नहीं।
5- निर्धारित तिथि के बाद योगदान आख्या पेश करने वालों के नाम मेरिट की मूल सूची में थे या नहीं।
6- दिव्यांग व आरक्षण वर्ग वालों के प्रमाणपत्रों की जांच।
7- वेतन का विस्तृत विवरण लेकर जारी मेरिट की मूल लिस्ट से मिलान।
8- आधार से लिंक नहीं हुए शिक्षक क्या उस वर्ष की चयनित सूची में थे? जिसके आधार पर योगदान आख्या दी गई।
9- सरसरी निगाह में जिन प्रकरणों में संदेह, हस्ताक्षर त्रुटि आदि हों, उनका परीक्षण।
जिले में भर्तियों का विवरण
वर्ष, कुल पद, नियुक्ति पत्र जारी
2011, --, 35
2011, --, 47
2012, --, 36
2013, --, 35
2013, 109, 76
2015, 490, 482
2016, 100, 95
2016, 200, 196
2016, 158, 156
(आंकड़े बीएसए दफ्तर के रिकॉर्ड के अनुसार हैं। कुछ भर्तियों का डाटा बाकी है, जिससे आंकड़ा 1240 के पार जा सकता है।)
टीम ने शुरू की जांच
जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि एडीएम की अध्यक्षता में टीम ने जांच शुरू कर दी है, रिपोर्ट आते ही शासन को भेज दी जाएगी।
एसटीएफ ने किया था भंडाफोड़

यूपी एसटीएफ ने मथुरा में जूनियर और प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती में बड़े घोटाले का खुलासा करते हुए बीएसए ऑफिस के बाबू, नौ शिक्षक व दो कम्प्यूटर ऑपरेटर समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया था। मथुरा में वर्ष 2016-17 में हुई 257 शिक्षकों की भर्ती में 150 को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर छह महीने पहले जॉइन करा दिया गया। गोपनीय शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने जाच की तो पूरे रैकेट का पर्दाफाश हुआ। एक-एक नियुक्ति के लिए फर्जी शिक्षकों से 10-10 लाख रुपये (कुल 15 करोड़) तक वसूले गए। मामले में तत्कालीन और वर्तमान बीएसए की भूमिका भी सामने आ रही है। एसटीएफ के खुलासे के बाद से दोनों अंडरग्राउंड हो गए हैं।

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