आखिरकार शिक्षकों को कब मिलेगी रजिस्टरों के कार्य से आजादी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अलीगढ़।
परिषदीय स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षक रजिस्टरों के बोझ से परेशान हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के एकल विद्यालयों में शिक्षक इन रजिस्टरों को भरने में ही लगे रहते हैं। इस कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित भी होती है। इन रजिस्टरों को भरते-भरते दबी जुबां से शिक्षक कहते हैं कि गुरु थे, अब कर्मचारी हो गए हैं। आखिरकार कब मिलेगी इन रजिस्टरों से आजादी।


बता दें कि परिषदीय स्कूलों में 15 से 16 रजिस्टर विभिन्न योजनाओं, कार्यों, विभागीय सूचनाओं आदि से संबंधित होते हैं। जिन्हें समय-समय पर अपडेट करना जरूरी होता है। वहीं कई ऐसे रजिस्टर भी होते हैं, जिनको प्रतिदिन भरा जाना जरूरी होता है। इन सभी रजिस्टरों को भरने में लगभग एक शिक्षक को दो से तीन घंटे का समय लगता है। ऐसे में सवाल उठता है कि एकल विद्यालय में रहने वाले शिक्षक किस प्रकार से इस कार्य को पूरा करते होंगे। अगर वह विद्यालय की समय सीमा में इन रजिस्टरों को भरें तो बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी, वहीं अगर विद्यालय समय के बाद भरें तो अलग से दो से तीन घंटे के लिए विद्यालयों में ही रुकना पड़ेगा।

ये हैं रजिस्टर तथा ऐसे होते हैं अपडेट
- छात्र उपस्थिति प्रतिदिन
- मिड-डे मील प्रतिदिन
- आवागमन (छात्र तथा शिक्षक दोनों) प्रतिदिन
- पत्र व्यवहार प्रतिदिन
- अध्यापक उपस्थिति प्रतिदिन
वर्तमान के दिनों में यह रजिस्टर भी हैं हावी
ड्रेस, किताब, बैग, जूता-मोजा व सर्दियों में स्वेटर वितरण।

महीने मेें यह रजिस्टर होते हैं अपडेट
मां गठन समूह की मीटिंग
अभिभावक मीटिंग

साप्ताहिक तथा सालाना अपडेट वाले रजिस्टर
बाल संसद साप्ताहिक होती है। इस कारण बाल संसद का रजिस्टर सप्ताह में अपडेट होता है। जबकि आय-व्यय व स्टाक रजिस्टर पर सालाना अपडेट करना पड़ता है।

ड्रेस, किताब, जूते-मोजे वितरण में ही लग जाता है पूरा दिन
अलीगढ़। ड्रेस, किताब, जूते-मोजे वितरण में शिक्षकों को पूरा दिन का समय लग जाता है। वितरण के बाद रजिस्टर भरने में भी उतना ही समय चाहिए होता है।
बता दें कि किताबें वितरण होने के बाद रजिस्टर को भरने में कोई ज्यादा दिक्कतें नहीं आती हैं। लेकिन ड्रेस वितरण में ड्रेस को पहनाकर फिटिंग आदि का कार्य देखना पड़ता है। अगर ड्रेस की फिटिंग सही नहीं आ रही है तो उसे वापस दर्जी के पास भेजा जाता है। वहीं वितरण के बाद रजिस्टर को भरने के लिए भी शिक्षक को अलग से समय चाहिए।