इस तरह बच सकती है 69000 शिक्षक भर्ती कट-ऑफ: पढ़ें विकल्प और बचाव: 17 को कोर्ट में होगी अहम बहस

इस तरह बच सकती है 69000 शिक्षक भर्ती कट-ऑफ: पढ़ें विकल्प और बचाव
कट-ऑफ हटाने को अभ्यर्थियो द्वारा जो केस फाइल किया गया था। उसकी सुनवाई दिनाँक 17/01/2018 को मुकर्रर हुई है। विपक्षी द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में योजित इस याचिका की पैरवी... टॉप मोस्ट सीनियर अधिवक्ता श्री अशोक खरे, श्री सीमान्त जी ,श्री ओझा जी करेंगे ऐसे में विपक्षी द्वारा कोर्ट में पूरी ताकत से निम्न मुद्दों को उठाये जाने की तैयारी है।।।

👉विज्ञापन में कट-ऑफ नहीं था विज्ञापन के बाद उसमे कट-ऑफ नहीं लगाया जा सकता।
👉विकल्प- 69,000 विज्ञापन में बिन्दु स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि सफल अभ्यर्थियो के ही ओ ऍम आर को क्रॉस चेक करके उसे अपलोड किया जायेगा।
👉बिंदु के अनुसार स्पष्ट है की न्यूनतम अंक जो भी हो संस्था द्वारा ससमय निर्धारित किया जायेगा और जिससे वो सफल या असफल अभ्यर्थियो की सुची तय करेंगे। (संस्था के पास कट-ऑफ निर्धारित करने का अधिकार उसके खुद का विज्ञापन 69,000 ही काफी है।

कट-ऑफ समाप्त किया जाये???👉विकल्प- बेसिक शिक्षा नियमावली के 20वे संसोधन में पहले से चली आ रही चयन प्रक्रिया का बदलाव करते हुए.लिखित परीक्षा का प्रावधान करते हुए.....लिखा है कि.....एक भर्ती परीक्षा आयोजित की जायेगी जिसमे न्यूनतम कट-ऑफ विभाग अपने अनुसार समय समय पे लगायेगा. उक्त के क्रम में अभी तक नियमावली के इस बिंदु में अभी संसोधन नहीं हुआ है। 69,000-®-शिक्षक भर्ती अभी उसी नियमावली के अंतर्गत हो रही है जिसमे न्यूनतम कट ऑफ रखा जायेगा।सारे तथ्य एवम साक्ष्य विभाग की तरफ से होते हुए भी...कोर्ट रूम में न्यायधीश महोदय को गलत तथ्य बताया जायेगा जिससे प्रयाश किया जायेगा की उठ-पटांग दलील दिया जायेगा निश्चित रूप से न्यायधीश महोदय काफी समझ वाले होते है फिर भी कोर्ट तथ्य एवम सबूत के आधार पे कोई निर्णय देता है।विरोधी के पास टॉप मोस्ट अधिवक्ता है  और वो परीक्षाफल पे रोक की मांग करेंगे। 

ऐसे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में योजित इस याचिका की पैरवी के लिए आयुष दुबे द्वारा बचाव के लिए श्री आलोक द्विवेदी जी द्वारा बचाव किया जा रहा है। मुद्दों को तथ्यों को सही रूप से रखने के लिए एक वरिष्ट अधिवक्त..गजेन्द्र प्रताप जी को टोकन मनी दिया गया है.