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जूनियर भर्ती में कानूनी महत्वपूर्ण‬ तथ्यों की छानबीन : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

आरटीई एक्ट 2009 का सेक्शन 23(1) एनसीटीई को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु 'न्यूनतम योग्यता' निर्धारित करने की शक्ति देता है। जिस क्रम में 23 अगस्त 2010 के अपने नोटिफिकेशन में एनसीटीई ने सहायक अध्यापक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता 'इंटरमीडिएट' + 'द्विवर्षीय बीटीसी' + 'टीईटी' कर दी।

तत्पश्चात एनसीटीई ने टीईटी के आयोजन के समबन्ध में 11 फरवरी 2011 को गाइडलाइन जारी कर दी। जिसमे एनसीटीई ने पैरा 9(b) में लिखा है कि…
'Government should give weightage to the TET scores in the recruitment process, however, qualifying TET would not confer a right on any person as it is only one of the eligibility criteria for appointment'
👆👆 उपरोक्त बातों का अर्थ :
● उपरोक्त गाइडलाइन 'केंद्र, राज्य तथा सहायता प्राप्त विद्यालयों आदि सभी के लिए है।
● सेक्शन 23(1) एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारित करने की शक्ति देता है न कि चयन का आधार तय करने की।
● एनसीटीई गाइडलाइन के अनुसार 'सरकार को भर्ती प्रक्रिया में टीईटी में प्राप्त अंकों का वेटेज देना चाहिए।' यहाँ पर 'देना होगा' जैसे शब्द नहीं हैं, अर्थात वेटेज देना बाध्यकारी नहीं है।
● वेटेज कितना देना चाहिए इस पर भी एनसीटीई मौन है, अर्थात राज्य सरकार अपने विवेक से टीईटी का वेटेज तय कर सकती है।
कानूनी स्थिति :
● 'इंटरमीडिएट' तथा 'बीटीसी' की भाँति टीईटी भी अध्यापक बनने हेतु न्यूनतम योग्यता का हिस्सा है।
● एनसीटीई द्वारा चयन का आधार तय नहीं किया जा सकता है। सेक्शन 23(1) एनसीटीई को केवल न्यूनतम योग्यता निर्धारित करने की शक्ति देता है। चयन का आधार तय करना उसमें निहित नहीं है।
● चयन प्रक्रिया पर सम्पूर्ण आरटीई एक्ट मौन है, अर्थात राज्य सरकार अपनी नियमावली के अनुसार चयन प्रक्रिया निर्धारित कर सकती हैं।
● भर्ती प्रक्रिया में टीईटी का वेटेज दिया जाना बाध्यकारी नहीं है। एनसीटीई के अनुसार वेटेज दिया जाना चाहिए, 'वेटेज देना होगा' ऐसा नहीं लिखा है। केंद्र सरकार भी अपनी किसी भर्ती में सीटीईटी का वेटेज नहीं देती है जबकि उपरोक्त गाइडलाइन 'सीटीईटी' को भी कवर करती है। (महत्वपूर्ण‬)
● एनसीटीई केवल एक 'Regulatory Authority' मात्र है। 'Appointing Authority' राज्य सरकार है।
5 अक्टूबर को इस मुद्दे पर फैसला आना है। मुख्य न्यायाधीश कानूनी दांव पेंचों के महाज्ञाता हैं। जो भी फैसला आएगा वह कानून के वर्तमान प्रावधानों के अंतर्गत आएगा। वर्तमान प्रावधानों के अनुसार टीईटी का वेटेज मिलना संभव नहीं है। कृपया अपने खुद के बनाए हुए तर्क न दें, कानूनी तथ्यों के बल पर बात करें।

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