शिक्षा मित्र साथियों आने वाला अगला सप्ताह बहुत ही महत्वपूर्ण होगा जिसमें एन सी टी ई से अनुमति एवं सरकार द्वारा पुराने समायोजन को सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया कदम अथवा अनुमति के बाद नवीन समायोजन की प्रक्रिया हो सकती है।
यदि पुराने
समायोजन को सुरक्षित
रखने की प्रक्रिया
अपनाई जाती है तो पूरे
जोश के साथ समस्त
जागरूक शिक्षा मित्र
साथियों को एकजुट
होकर माननीय सुप्रीम
कोर्ट में अपना पक्ष
रखना होगा और हर एक
विन्दु पर ध्यान केंद्रित
करने की आवश्यकता
होगी।सभी जनपद के
जागरूक साथी अपने
जीवन को सुरक्षित रखने
के लिए आगे बढ़ कर स्वयं
प्रतिनिधित्व करते हुए
साथ में आएँ बाकी लोग
संगठनों के साथ सुप्रीम
कोर्ट में प्रभावी
सहयोग करें।जितने
प्रभावी ढंग से
अधिवक्ताओं को हायर
किया जाएगा उतना ही
हमारे लिए अच्छा रहेगा
और अब हर हाल में
शिक्षा मित्र साथियों
को जाग्रत होना पड़ेगा
क्योंकि यह अब अंतिम
चरण की लड़ाई है।वह खून
कहो किस मतलब का
जिसमें उबाल का नाम
नहीं।
वह खून कहो किस मतलब
का
आ सके देश के काम नहीं ।
वह खून कहो किस मतलब
का
जिसमें जीवन, न रवानी
है ।
जो परवश होकर बहता
है,
वह खून नहीं, पानी है ।
उस दिन लोगों ने सही-
सही
खून की कीमत पहचानी
थी ।
जिस दिन सुभाष ने
बर्मा में
मॉंगी उनसे कुरबानी थी
।
बोले, "स्वतंत्रता की
खातिर
बलिदान तुम्हें करना
होगा ।
तुम बहुत जी चुके जग में,
लेकिन अब आगे आना
होगा ।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
यदि पुराने
समायोजन को सुरक्षित
रखने की प्रक्रिया
अपनाई जाती है तो पूरे
जोश के साथ समस्त
जागरूक शिक्षा मित्र
साथियों को एकजुट
होकर माननीय सुप्रीम
कोर्ट में अपना पक्ष
रखना होगा और हर एक
विन्दु पर ध्यान केंद्रित
करने की आवश्यकता
होगी।सभी जनपद के
जागरूक साथी अपने
जीवन को सुरक्षित रखने
के लिए आगे बढ़ कर स्वयं
प्रतिनिधित्व करते हुए
साथ में आएँ बाकी लोग
संगठनों के साथ सुप्रीम
कोर्ट में प्रभावी
सहयोग करें।जितने
प्रभावी ढंग से
अधिवक्ताओं को हायर
किया जाएगा उतना ही
हमारे लिए अच्छा रहेगा
और अब हर हाल में
शिक्षा मित्र साथियों
को जाग्रत होना पड़ेगा
क्योंकि यह अब अंतिम
चरण की लड़ाई है।वह खून
कहो किस मतलब का
जिसमें उबाल का नाम
नहीं।
वह खून कहो किस मतलब
का
आ सके देश के काम नहीं ।
वह खून कहो किस मतलब
का
जिसमें जीवन, न रवानी
है ।
जो परवश होकर बहता
है,
वह खून नहीं, पानी है ।
उस दिन लोगों ने सही-
सही
खून की कीमत पहचानी
थी ।
जिस दिन सुभाष ने
बर्मा में
मॉंगी उनसे कुरबानी थी
।
बोले, "स्वतंत्रता की
खातिर
बलिदान तुम्हें करना
होगा ।
तुम बहुत जी चुके जग में,
लेकिन अब आगे आना
होगा ।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC