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गाजी इमाम आला - फाँसी पर लटक जाएगे मगर टी ई टी नहीं देगें : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

आप लोगों को अवगत कराना है कि आज आप जिस स्थिति में खड़े हैं बहुत ही बिचार व चिंतन करके आगे कदम उठाने की जरूरत है हम लोग अभी शासन द्वारा एक जारी किया गया है जिसमें लिखा है कि अग्रिम आदेश तक वोतन रोक दिया गया है मा.न्यायालय के आदेश आने के बाद भी हमारे बहुत से शिक्षा मित्र भाइयों बहनो को न्यायालय के आदेश के बाद की स्थिति के बारे में अन्नोन है

सबको मालूम है कि जबतक मा.उच्च न्यायालय के दिए गये आदेश को चुनौती मा.उच्चतम न्यायालय में नहीं दी जाएगी और मा.उच्च न्यायालय के दिए गए आदेश पर स्टे नहीं हो जाता तबतक सेवा में रहने के बाद भी सभी लाभ पाने के अधिकार नहीं है आज का पत्र जारी करने के पिछे केवल यही वजह है कि आप के बिरोधियो के दृारा 2 नवंबर को मा उच्चतम न्यायालय में कोई मौका न मिल सके जिसमें कोर्ट को कह सके कि उत्तर प्रदेश सरकार कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रही है तथा किसी बिरोधी आप के प्रकरण को SLP दाखिल करने से पहले ही आप को चुनौती दे सकें वैसे भी न्यायालय के आदेश आने के बाद कोई अधिकारी वेतन देने के लिए तैयार नहीं है और सरकार न्यायालय के आदेश के बाद वेतन पर लिखित आदेश दे नही सकती न्याय बिभाग के दृारा राय लेना तो एक प्रक्रिया मात्र है प्रिय मित्रो आज के इस स्थिति में जो भी कदम उठाए जा रहे हैं आप के भविष्य को ध्यान में रखते हुए! भले ही यह कदम आप लोगों को उल्टा लगे इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति अपनी गलती स्वीकार नहीं करता हमें याद है जब शिक्षा मित्र से शिक्षक बनाए जाने का नियमावली या शासनादेश मे टी ई टी देने या न देने की बात आयी हम उस समय भी अपने विचार से आप लोगों को अवगत कराये थे और तीन साल के अंदर बिभागीय टी ई टी कराने के हम पछ में थे लेकिन आप लोगों के बिरोघ के आगे हम नतमस्तक हो गये (फाँसी पर लटक जाएगे मगर टी ई टी नहीं देगें) का नारा कुछ लोगों द्वारा बुलन्द किया गया और शिक्षा मित्र को भी अच्छा लगा उसी तर्ज पर आज भी हमारे मित्र बन्धु पिछले गलतियों से अभी भी सीख नहीं लिये इस समय भी जल्दी से जल्दी SLP दाखिल हो जाय यही हमारे मित्र चाह रहे हैं कोर्ट ने तीन माह का समय दिया है तो पहले हमे कोर्ट के दृारा दिये गये आदेश मे जो कमियां बताया गया है उसे दुर कर लिया जाए लेकिन आज भी जल्दी में है एक बात सबसे बुरी लगती है जो प्रदेश के पदाधिकारी आप के लिए रात दिन घर छोड़ कर आप के भविष्य के लिए लखनऊ /दिल्ली या प्रदेश के अन्य जिलों में आप की लड़ाई लड़ने के बाद कभी आप लोगों के दृारा प्रोत्साहन नहीं दिया गया केवल पैर खिचने का काम किया गया मित्रो आज भी हमे सच्चाई लिखने में कोई संकोच नहीं है आप लोगों के पास ट्रांसफर के लिए 40-50 रू,था एरियर के लिए 10 हजार रुपया था सत्यापन के लिए पैसा था लेकिन हाई कोर्ट के लडाई लडने के लिए के पुरे प्रदेश से 95 हजार रुपया मिला था जिसका जनपद वार हिसाब है इतने रूपये से हाईकोर्ट की कौन सी लडाई लडेगे खैर इसमें आम शिक्षा मित्र की कोई गलती नहीं है आज मामला सुप्रीम कोर्ट में है इस बात को न चाहते हुए लिखना पड रहा है की प्रदेश के सभी जिलों में पदाधिकारी पैसा लेते हैं लेकिन प्रदेश में न देकर केवल आम शिक्षा मित्रो भाईयों के बीच बदनाम करने का काम करते हैं केवल प्रदेश से अपेक्षा करते हैं आज भी 7-8 जिले को छोड़कर किसी जिला से पैसा नहीं मिला है केवल प्रदेश के संगठन को बदनाम करने का काम करते हैं सारी समस्याओं का जड नीचले स्तर पर की गई गलती जिम्मेदार है मित्रों आप का संगठन आज भी रात, दिन एक कर के अपना खोया हुआ सम्मान दिलाने के लिए कटिबद्ध हैं लेकिन अभी भी समय है आम शिक्षा मित्र अपने, अपने ब्लाक पदाधिकारीयो से हिसाब ले कर प्रदेश संगठन का सहयोग करे जिससे Tet के खिलाफ इलाहाबाद /लखनऊ /दिल्ली मा,न्यायालय में मजबूती से लडाई लड कर न्याय पा सके हमारे इस लेख को अन्यथा में मत लीजिएगा! हमारे इस लेख से किसी के भावना को ठेस पहुंचाना हमारा काम नहीं है! धन्यवाद
 -----गाजी इमाम आला

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