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मझधार में शिक्षामित्र, फीका हुआ त्योहार : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद: सहायक शिक्षक के रूप में समायोजित किए गए हजारों शिक्षामित्रों सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। सरकार ने वेतन पर रोक लगा दी है। इससे उनका त्योहार फीका हो गया है। अब शिक्षामित्र फिर सड़क पर उतरने की तैयारी में हैं।


प्रदेश में 1.35 लाख सहायक अध्यापक बने शिक्षामित्रों का समायोजन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद कर दिया। साथ ही काउंसलिंग पर रोक लगा दी। ऐसे में शिक्षामित्र असमंजस में है। न ही वह सरकार का विरोध कर पा रहे हैं न ही कुछ कह पा रहे हैं। अब सरकार ने शिक्षामित्रों का वेतन रोकने का फरमान जारी कर दिया गया है। दोहरी मार से शिक्षामित्र आहत हैं। स्कूलों में प्रधानाध्यापक शिक्षामित्रों की चुटकी ले रहे हैं। उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कराने से गुरेज कर रहे हैं।
समायोजित शिक्षामित्र हाईकोर्ट के फैसले के बाद न शक्षामित्र रहे न सहायक अध्यापक रहे। दरअसल, शैक्षिक सत्र 2014 में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 70 हजार और द्वितीय चरण में 65 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई थी। शेष 35 हजार शिक्षामित्रों की समायोजन प्रक्रिया पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी। 12 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान शिक्षामित्र के समायोजन प्रकिया को नियम संगत न मानते हुए रद कर दिया था। हालांकि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि शिक्षामित्र नियमित रूप से स्कूल जाएं। उन्हें वेतन दिया जाएगा।
शिक्षामित्रों के साथ अन्याय हुआ है। इसके लिए प्रदेशव्यापी आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है। शिक्षामित्र अपनी ताकत का एहसास केंद्र व राज्य सरकार को करा देंगे।
अश्वनी त्रिपाठी जिलाध्यक्ष, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन


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