प्रथम याची और प्रथम वकीलों के लिए फिर आया बड़ी पारी का दौर :
आज तमाम ऐसे चयनित होंगे जो कि आज जिस जिले में चयनित हैं उस वक़्त उस जिले में आवेदन नहीं किया था जब मात्र अधिकतम पांच जिले में ही आवेदन किया जा सकता था । उस वक़्त भर्ती की पहली याचिका सरिता शुक्ला (Writ A 70682/11) ने फाइल की थी और सभी जनपदों में आवेदन का अवसर मिला था ।
न्यायमूर्ति ने कहा था कि चयन और नियुक्ति यूपी बेसिक सेवा नियमावली 1981 के मानक पर होगी।
इसके बाद तमाम याचिकाएं फाइल हुयी और विज्ञापन सरकार ने रद्द कर दिया ।
जब खंडपीठ द्वारा विज्ञापन सर्विस रुल पर बताकर बहाल किया गया तो फिर
चंचला, शशिपाल यादव और राहुल पाण्डेय के नाम से फ़ाइल याचिकाओं में रिलीफ मिली ।
मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण सरकार ने राहत नहीं दी ।
सुप्रीम कोर्ट ने फर्जियों को बाहर करके नियुक्ति देने को कहा लेकिन सरकार ने किसी फर्जी को बाहर नहीं किया और लखनऊ में तमाम रिट
फाइल हुयी जब कोई राहत नहीं मिली तब सरिता शुक्ला (Writ A 48620/15) ने फर्जीवाड़ा पर रिट फाइल किया और कोर्ट ने हर तरह के फर्जियों को बाहर करने का आदेश किया ।
आपको विदित हो कि सर्विस रुल के चयन मानक की अनदेखी करके चुने गये लोगों की नियुक्ति होने जा रही है
इसलिए पुनः सरिता शुक्ला जी (Writ C 59942/15) ने माननीय चीफ जस्टिस से गुहार की है कि जब शिक्षामित्र अवैध हैं जिसे कि आपने रिट A 34833/14 में फुल बेंच के फैसले में अवैध मान लिया है तो फिर इन्हें
सर्विस रुल से हो रही भर्ती में दस फीसदी कोटा क्यों दिया गया है ?
इस रिट में हेड/टेल दोनों सरिता शुक्ला के पक्ष में है ।
यदि परम आदरणीय माननीय मुख्य न्यायमूर्ति जी यह कह देंगे कि चयन में सर्विस रुल प्रभावी नहीं है तो फिर वकील उन्हें बतायेंगे कि RTE एक्ट के बाद बीएड को पहले नियुक्ति तब ट्रेनिंग का प्राविधान है इसलिए पहले ट्रेनिंग तदुपरांत नियुक्ति दोनों अवैध है ।
यदि माननीय जी सर्विस रुल प्रभावी बतायेंगे तो फिर उन्हें कोटा रद्द करना होगा और नियुक्ति स्वतः रुक जायेगी,
ऐसी दशा में याची अन्य याचिका के जरिये मांग करेंगे कि नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल कर लिया जाये यदि नियुक्ति मिली तो ट्रेनिग कर लेंगे
यही NCTE का पैरा 3 भी कहता है ।
यदि चीफ ने यह मान लिया कि सर्विस रुल में कोटा न हो फिर भी दिया जा सकता है तो फिर टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्र कोई याचिका या रिव्यु लेकर पहुँच गये तो चीफ साहब को उनको नियुक्ति दिलानी पड़ेगी ।
वर्गीकरण ख़त्म कराने के लिए हम हर दांव खेलने को तैयार हैं बस आपका सहयोग जरुरी है ।
हम कुछ न कुछ आपको देकर जायेंगे ।
हमारे वकील शुरू से इस भर्ती से जुड़े हैं अतः उनके लिए सबकुछ सरल हो गया है ।
आप लोग यह भी विचार करना कि टीईटी में जब समायोजन की बयार है तो मै अलग क्यों हूँ ?
सिर्फ इतना कहूँगा
आपका सहयोग अपेक्षित है अन्यथा हमारे पास खोने को कुछ नहीं है सब कुछ खो ही चुका है इसलिए सफलता पाने के लिए हर रास्ता आजमाएंगे ।
इतना तय है कि जीत हमारी ही होगी ।
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