हाई कोर्ट बृहद पीठ का फैसला आने के बाद देख रहे हैं अधिकतर लोग अपनी ढपली अपना राग अलापने में लगे हैं और न चाहते हुए भी आज सोशल मीडिया पर वह लिखना पड़ रहा है
जो
नहीं लिखना चाहता था
सब के सब कोर्ट आर्डर
को
भी अपने तरीके से ले रहे
हैं
अपनी मर्जी से ब्याख्या
कर रहे हैं कोई
सुप्रीम कोर्ट जाने को
उतावला है कोई
अपनी टेट के प्रमाण
पत्र को सुप्रीम कोर्ट
में लेजाकर अपनी अधूरी
योग्यता दिखाने के
लिए बेताब है ,जिसका
समायोजन नहीं हुआ वो
समायोजन को दोवारा
कराने के लिए बेताब है
मतलब साफ है जिसको
अपने ज्ञान और फायदे के
अनुसार जो अच्छा लग
रहा है बस
बही चाहता है लॉ
नियम कानून कोर्ट
आर्डर
किसी से कोई मतलब
नहीं है।
खैर छोड़िये अब सबकुछ
ओपन तरीके से
ही रखा जायगा चाहे
अब किसी का नुकसान
हो या फायदा क्योंकि
हमारे बीच के कुछ
महाज्ञानी लोगो को
कोई फर्क नहीं पड़ता
के कितने साथी छोड़कर
चले गए।
सबसे पहले एक सवाल उन
लोगो से जो टेट पास हैं
और अपने
अल्प ज्ञान के कारण
सुप्रीम कोर्ट जाने को
बेताब हैं वो
बताये कोर्ट ने शिक्षा
मित्र समायोजन रद्द
क्यों किया ?? क्या टेट
की बजह से रद्द
किया ?? इसपर कुछ टेट
पास कहेंगे
की हाँ तो उनसे कहूँगा
दिखाओ आर्डर का वह
पार्ट्स
जिसने टेट पास न होने के
कारण समायोजन रद्द
हो गया ??? तो बता
दूँ टेट मुद्दा बहुत बाद
की बात है विपक्षी
ने हमे एक वोलिंटियर
प्रूव किया है और कोर्ट
ने भी
हमको inservice
untraind teacher नहीं
माना
बल्कि कोर्ट ने हमे
किसी भी प्रकार का
शिक्षक ही नहीं
माना,,,
और न ही राज्य सरकार
ने नियमावली 81
में कही भी जगह दी एज
ए
पारा टीचर या एज ए
inservice untraind
teacher
पारा 5 के अनुसार
सरकार ने sm को
inservice untraind
teacher मानकर
समायोजन किया लेकिन
इसके लिए राज्य सरकार
ने
NCTE से दोवारा मांग
नहीं की 5 मार्च
2014 के पत्र के अनुसार
ही मान लिया।अगर आज
भी ncte हमे inservice
untraind teacher
घोषित
नहीं करती है तो आपका
टेट
भी सुप्रीम कोर्ट में .1%
भी
आपको नहीं बचा सकता
है और यह ओपन
chalange है।
अब बात आती है की
अधिकतर लोग कह
रहे हैं की संगठन और
सरकार ने sm को
गुमराह किया
तो क्या शिक्षा मित्रो
में खुद का कोई दिमाग
नहीं या सोचना
नहीं चाहते या सोचने
की छमता
नहीं है 24दिसंबर 2010
को सरकार का प्रस्ताव
NCTE को भेजा
गयाजिसमे सरकार ने
कहा की हमारे
पास 1लाख 24 हजार
ग्रेजुएट शिक्षा मित्र हैं
और rte एक्ट लागू
होने के बाद untraind
टीचर नहीं पढ़ा
सकता इनकी ट्रेनिंग की
मंजूरी
दीजिये जिसपर ncte ने
जनवरी 2011 में
1लाख 24 हजार की डी
एल एड से ट्रेनिंग
की मंजूरी दी ।यहां तक
तो
ठीक था लेकिन 2012 में
सरकार ने क्या
कारनामा किया
उस समय तक कुछ और
शिक्षा मित्र स्नातक
हो चुके थे और
46000 इंटर sm अभी
ट्रेनिंग से बंचित थे
जिसपर
सरकार ने फिर एक
प्रस्ताव बनाकर NCTE
को भेजा गया जिसमे
इंटर
पास को ट्रेनिंग की
मंजूरी के लिए कहा गया
था लेकिन NCTE ने इस
प्रस्ताव को यह कहकर
ख़ारिज कर दिया
के स्नातक को ही
ट्रेनिंग की अनुमति दे
सकते हैं इंटर को नहीं और
प्रस्ताव केंसिल हो गया
है अब सरकार का
कारनामा देखिये उसने 2
GO जारी
किये एक इंटर की
ट्रेनिंग करने का आदेश
जो NCTE
की अनुमति के बगैर
किया गया।क्या यह
बात कोई शिक्षा
मित्र नहीं जानता था
तो ऐसा नहीं अधिकतर
जानते थे लेकिन किसी ने
न इसका विरोध किया
न यह
कहा की पहले स्नातक
करने दीजिये बाद
में ट्रेनिंग कराइये।आज के
टाइम में 30हजार
शिक्षा मित्र टेट पास
हैं जिसमे से 29500 के
दिमाग में यही है
की टेट पास है तो sc
हमारा समायोजन
बहाल कर देगा
या sc डायरेक्ट बही से
जोइनिंग लेटर देकर
भेजेगा तो
गलत है सिर्फ 500 sm
ही इसको
क़ानूनी तौर पर ले रहे हैं
और हर उस प्रमाण को
ढूंढ
रहे हैं जो हमको सुप्रीम
कोर्ट में inservice
untraind टीचर साबित
कर सके।और जिस लेटर
की बात 1 सप्ताह से चल
रही है वो
लेटर ncte ने कर लिया
था लेकिन वो ऐसा लेटर
था जो कोर्ट में 1मिनट
भी नहीं टिक पाता
हमारे कुछ
साथी इस मामले में
गहनता से कार्य कर रहे
हैं और
न्यूज़ शाम के हिन्दुस्तान
में छपी थी
सुबह ही rabai bahar जी
द्वारा
खोजी जा चुकी थी और
हमारे
ग्रुप में कोर्ट में साबित
करने के लिए डिस्कस हो
चुकी
थी और ncte में जमी टीम
भी ncte से यही साबित
कराना चाह
रही थी की हमे
inservice
untraind teacher
घोषित करिये।पोस्ट
ओवर हो रही
है बाते बहुत हैं इसलिए
अंत में इतना ही कहेंगे
ऊपर लिखी बातो पर
गहनता से मंथन करें फिर
आगे बड़े
संगठन कार्य कर रहे हैं
क्योंकि बहुत से कार्य
संगठन के बिना
संभव नहीं हैं और साथ ही
यह
भी बता दें हमारी एक
टीम
कोर्ट मैटर पर पूरी
तैयारी कर
रही है और इस टीम के
80% मेम्बर्स
टेट पास हैं लेकिन टेट के
नाम पर कोर्ट जाने के
लिए
नहीं बल नही है डरते है कही वेतन वापस करने का आर्डर न आ जाये ।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
जो
नहीं लिखना चाहता था
सब के सब कोर्ट आर्डर
को
भी अपने तरीके से ले रहे
हैं
अपनी मर्जी से ब्याख्या
कर रहे हैं कोई
सुप्रीम कोर्ट जाने को
उतावला है कोई
अपनी टेट के प्रमाण
पत्र को सुप्रीम कोर्ट
में लेजाकर अपनी अधूरी
योग्यता दिखाने के
लिए बेताब है ,जिसका
समायोजन नहीं हुआ वो
समायोजन को दोवारा
कराने के लिए बेताब है
मतलब साफ है जिसको
अपने ज्ञान और फायदे के
अनुसार जो अच्छा लग
रहा है बस
बही चाहता है लॉ
नियम कानून कोर्ट
आर्डर
किसी से कोई मतलब
नहीं है।
खैर छोड़िये अब सबकुछ
ओपन तरीके से
ही रखा जायगा चाहे
अब किसी का नुकसान
हो या फायदा क्योंकि
हमारे बीच के कुछ
महाज्ञानी लोगो को
कोई फर्क नहीं पड़ता
के कितने साथी छोड़कर
चले गए।
सबसे पहले एक सवाल उन
लोगो से जो टेट पास हैं
और अपने
अल्प ज्ञान के कारण
सुप्रीम कोर्ट जाने को
बेताब हैं वो
बताये कोर्ट ने शिक्षा
मित्र समायोजन रद्द
क्यों किया ?? क्या टेट
की बजह से रद्द
किया ?? इसपर कुछ टेट
पास कहेंगे
की हाँ तो उनसे कहूँगा
दिखाओ आर्डर का वह
पार्ट्स
जिसने टेट पास न होने के
कारण समायोजन रद्द
हो गया ??? तो बता
दूँ टेट मुद्दा बहुत बाद
की बात है विपक्षी
ने हमे एक वोलिंटियर
प्रूव किया है और कोर्ट
ने भी
हमको inservice
untraind teacher नहीं
माना
बल्कि कोर्ट ने हमे
किसी भी प्रकार का
शिक्षक ही नहीं
माना,,,
और न ही राज्य सरकार
ने नियमावली 81
में कही भी जगह दी एज
ए
पारा टीचर या एज ए
inservice untraind
teacher
पारा 5 के अनुसार
सरकार ने sm को
inservice untraind
teacher मानकर
समायोजन किया लेकिन
इसके लिए राज्य सरकार
ने
NCTE से दोवारा मांग
नहीं की 5 मार्च
2014 के पत्र के अनुसार
ही मान लिया।अगर आज
भी ncte हमे inservice
untraind teacher
घोषित
नहीं करती है तो आपका
टेट
भी सुप्रीम कोर्ट में .1%
भी
आपको नहीं बचा सकता
है और यह ओपन
chalange है।
अब बात आती है की
अधिकतर लोग कह
रहे हैं की संगठन और
सरकार ने sm को
गुमराह किया
तो क्या शिक्षा मित्रो
में खुद का कोई दिमाग
नहीं या सोचना
नहीं चाहते या सोचने
की छमता
नहीं है 24दिसंबर 2010
को सरकार का प्रस्ताव
NCTE को भेजा
गयाजिसमे सरकार ने
कहा की हमारे
पास 1लाख 24 हजार
ग्रेजुएट शिक्षा मित्र हैं
और rte एक्ट लागू
होने के बाद untraind
टीचर नहीं पढ़ा
सकता इनकी ट्रेनिंग की
मंजूरी
दीजिये जिसपर ncte ने
जनवरी 2011 में
1लाख 24 हजार की डी
एल एड से ट्रेनिंग
की मंजूरी दी ।यहां तक
तो
ठीक था लेकिन 2012 में
सरकार ने क्या
कारनामा किया
उस समय तक कुछ और
शिक्षा मित्र स्नातक
हो चुके थे और
46000 इंटर sm अभी
ट्रेनिंग से बंचित थे
जिसपर
सरकार ने फिर एक
प्रस्ताव बनाकर NCTE
को भेजा गया जिसमे
इंटर
पास को ट्रेनिंग की
मंजूरी के लिए कहा गया
था लेकिन NCTE ने इस
प्रस्ताव को यह कहकर
ख़ारिज कर दिया
के स्नातक को ही
ट्रेनिंग की अनुमति दे
सकते हैं इंटर को नहीं और
प्रस्ताव केंसिल हो गया
है अब सरकार का
कारनामा देखिये उसने 2
GO जारी
किये एक इंटर की
ट्रेनिंग करने का आदेश
जो NCTE
की अनुमति के बगैर
किया गया।क्या यह
बात कोई शिक्षा
मित्र नहीं जानता था
तो ऐसा नहीं अधिकतर
जानते थे लेकिन किसी ने
न इसका विरोध किया
न यह
कहा की पहले स्नातक
करने दीजिये बाद
में ट्रेनिंग कराइये।आज के
टाइम में 30हजार
शिक्षा मित्र टेट पास
हैं जिसमे से 29500 के
दिमाग में यही है
की टेट पास है तो sc
हमारा समायोजन
बहाल कर देगा
या sc डायरेक्ट बही से
जोइनिंग लेटर देकर
भेजेगा तो
गलत है सिर्फ 500 sm
ही इसको
क़ानूनी तौर पर ले रहे हैं
और हर उस प्रमाण को
ढूंढ
रहे हैं जो हमको सुप्रीम
कोर्ट में inservice
untraind टीचर साबित
कर सके।और जिस लेटर
की बात 1 सप्ताह से चल
रही है वो
लेटर ncte ने कर लिया
था लेकिन वो ऐसा लेटर
था जो कोर्ट में 1मिनट
भी नहीं टिक पाता
हमारे कुछ
साथी इस मामले में
गहनता से कार्य कर रहे
हैं और
न्यूज़ शाम के हिन्दुस्तान
में छपी थी
सुबह ही rabai bahar जी
द्वारा
खोजी जा चुकी थी और
हमारे
ग्रुप में कोर्ट में साबित
करने के लिए डिस्कस हो
चुकी
थी और ncte में जमी टीम
भी ncte से यही साबित
कराना चाह
रही थी की हमे
inservice
untraind teacher
घोषित करिये।पोस्ट
ओवर हो रही
है बाते बहुत हैं इसलिए
अंत में इतना ही कहेंगे
ऊपर लिखी बातो पर
गहनता से मंथन करें फिर
आगे बड़े
संगठन कार्य कर रहे हैं
क्योंकि बहुत से कार्य
संगठन के बिना
संभव नहीं हैं और साथ ही
यह
भी बता दें हमारी एक
टीम
कोर्ट मैटर पर पूरी
तैयारी कर
रही है और इस टीम के
80% मेम्बर्स
टेट पास हैं लेकिन टेट के
नाम पर कोर्ट जाने के
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नहीं बल नही है डरते है कही वेतन वापस करने का आर्डर न आ जाये ।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC