आइए टेट से छूट के मामले को देखें - NCTE के
उस पत्र को थोड़ा ध्यान से पढ़ें उसमे क्या लिखा है? और किसके लिए लिखा है? और क्यों
लिखा है? वह एक सामान्य नियम के तहत उम्र आदि की छूट दी गयी है और वह भी किसी भी
संविदा कर्मी को। और शिक्षामित्रो को खुद NCTE सविंदा कर्मी मानने से लिखित मना कर
चुकी है और और सविंदा कर्मी यदि नियमित भर्ती के सक्षम अधिकारी द्वारा नियुक्त होते
है तभी वह नियमित होने की शर्त पर विचारधीन हो सकते हैं। जल्द बाजी ना सोचे जैसी
अफ़वाह है वैसा कुछ भी नहीं है।
विश्लेषण:
1. शिक्षामित्रों को कोई टेट से
छूट का फ़रमान जारी नहीं हुआ है।2. शिक्षामित्रों वेतन पर पूर्णत: रोक है सचिव महोदया के पत्र को स्थगित तो किया है लेकिन वेतन जारी करने के कोई आदेश नहीं है ।
3. कोई भी ऐसा कदम सीधा हाई कोर्ट की अवमानना को प्रदर्शित करेगा।
4. नौकरी पर सबका अधिकार है पर नियमों के आधार पर। शिक्षामित्र भी हममें से ही है पर असंवैधानिक नौकरी पाना मात्र राजनीति है ।
5 कोई मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री न्यायपालिका से ऊपर नहीं है ।
6. ऐसे तो सभी फैसले होते है जिनमें एक पक्ष को नियम विरुद्ध करार कर कोर्ट से हारना पड़ता है ।
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