इलाहाबाद।
प्रदेश के सहकारिता मंत्री शिवपाल यादव को राज्य भंडारण निगम का चेयरमैन
बनाने के मामले में यूपी सरकार फंस गई है। हाईकोर्ट ने न सिर्फ नियुक्ति
संबंधी सभी रिकार्ड तलब कर लिए हैं बल्कि सरकार से पूछा है कि किन कानूनी
प्रावधानों के तहत सरकार ने यह निर्णय लिया।
कोर्ट ने भंडारण निगम में निदेशकों, प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया, उनकी अर्हता और सरकार के अधिकारों पर भी जानकारी तलब कर ली है। मुख्य सचिव से यह भी बताने के लिए कहा है कि नियुक्तियों के लिए कौन से विशेष नियम-कानून किन प्रावधानों के तहत बनाए गए हैं। महेश्वरी प्रसाद राय की याचिका पर न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
याचिका में भंडारण निगम में संविदा कर्मियों के नियमितीकरण का मामला उठाया गया था। कोर्ट ने जब इस मामले की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि राज्य भंडारण निगम में नियुक्तियों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कोई नियम कानून नहीं बनाया गया है। सरकार को भंडारण निगम एक्ट की धारा 41(1) के तहत नियम बनाने की शक्ति प्राप्त है। इसके तहत निर्धारित प्रक्रिया अपना कर निदेशकों, प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है।
निगम में अध्यक्ष की नियुक्ति संबंधित मूल दस्तावेज देखने के बाद पीठ का कहना था कि सहकारिता मंत्री ने स्वयं लल्लन राय को अध्यक्ष बनाने की संस्तुति के साथ फाइल मुख्यमंत्री के समक्ष भेजी थी। इस फाइल पर मुख्यमंत्री ने स्वयं सहकारिता मंत्री को ही अध्यक्ष/निदेशक बनाने का आदेश जारी कर दिया। कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा है कि सरकार ने कानून की ऐसी कौन सी प्रक्रिया का पालन किया है जिसके तहत बिना नियमावली बनाए इस प्रकार की नियुक्तियां की जा सकती हैं। कोर्ट ने इन नियुक्तियों में संविधान के अनुच्छेद 14 (समता का अधिकार) का पालन किए जाने पर भी सरकार से जवाब मांगा है। याचिका पर दो नवंबर को अगली सुनवाई होगी।
इन सवालों पर मांगा है जवाब
************************
1- क्या सरकार आधिकारिक गजट में अधिसूचना प्रकाशित किए बिना नियुक्तियां कर सकती है।
2- क्या निदेशक/ प्रबंध निदेशक/ अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए कोई अर्हता तय है।
3-क्या निदेशक/ प्रबंध निदेशक/ अध्यक्ष के लिए कोई सर्विस रूल(सेवा शर्त) तय किया गया है।
4- क्या भंडारण निगम में नियुक्तियां यूपी बिजनेस रूल्स 1975 के दायरे में आती है। यदि ऐसा है तो मुख्यमंत्री ने इस दिशा में कौन से आदेश जारी किया है।
5- यदि यह मान भी लिया जाए कि निदेशक/ प्रबंध निदेशक/ अध्यक्ष की नियुक्ति का सरकार को अधिकार है तो नियुक्तियां करते समय संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत क्या पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई।
6- क्या निदेशक/ प्रबंध निदेशक/ अध्यक्ष (गैर आधिकारिक)
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
कोर्ट ने भंडारण निगम में निदेशकों, प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया, उनकी अर्हता और सरकार के अधिकारों पर भी जानकारी तलब कर ली है। मुख्य सचिव से यह भी बताने के लिए कहा है कि नियुक्तियों के लिए कौन से विशेष नियम-कानून किन प्रावधानों के तहत बनाए गए हैं। महेश्वरी प्रसाद राय की याचिका पर न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
याचिका में भंडारण निगम में संविदा कर्मियों के नियमितीकरण का मामला उठाया गया था। कोर्ट ने जब इस मामले की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि राज्य भंडारण निगम में नियुक्तियों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कोई नियम कानून नहीं बनाया गया है। सरकार को भंडारण निगम एक्ट की धारा 41(1) के तहत नियम बनाने की शक्ति प्राप्त है। इसके तहत निर्धारित प्रक्रिया अपना कर निदेशकों, प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है।
निगम में अध्यक्ष की नियुक्ति संबंधित मूल दस्तावेज देखने के बाद पीठ का कहना था कि सहकारिता मंत्री ने स्वयं लल्लन राय को अध्यक्ष बनाने की संस्तुति के साथ फाइल मुख्यमंत्री के समक्ष भेजी थी। इस फाइल पर मुख्यमंत्री ने स्वयं सहकारिता मंत्री को ही अध्यक्ष/निदेशक बनाने का आदेश जारी कर दिया। कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा है कि सरकार ने कानून की ऐसी कौन सी प्रक्रिया का पालन किया है जिसके तहत बिना नियमावली बनाए इस प्रकार की नियुक्तियां की जा सकती हैं। कोर्ट ने इन नियुक्तियों में संविधान के अनुच्छेद 14 (समता का अधिकार) का पालन किए जाने पर भी सरकार से जवाब मांगा है। याचिका पर दो नवंबर को अगली सुनवाई होगी।
इन सवालों पर मांगा है जवाब
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1- क्या सरकार आधिकारिक गजट में अधिसूचना प्रकाशित किए बिना नियुक्तियां कर सकती है।
2- क्या निदेशक/ प्रबंध निदेशक/ अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए कोई अर्हता तय है।
3-क्या निदेशक/ प्रबंध निदेशक/ अध्यक्ष के लिए कोई सर्विस रूल(सेवा शर्त) तय किया गया है।
4- क्या भंडारण निगम में नियुक्तियां यूपी बिजनेस रूल्स 1975 के दायरे में आती है। यदि ऐसा है तो मुख्यमंत्री ने इस दिशा में कौन से आदेश जारी किया है।
5- यदि यह मान भी लिया जाए कि निदेशक/ प्रबंध निदेशक/ अध्यक्ष की नियुक्ति का सरकार को अधिकार है तो नियुक्तियां करते समय संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत क्या पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई।
6- क्या निदेशक/ प्रबंध निदेशक/ अध्यक्ष (गैर आधिकारिक)
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