साथियो 24 व् 25 को लखनऊ में जो मीटिंग रखी गयी है आपको व्हाट्सऐप या
फेसबुक से पता चल गया होगा इस तरह की दो मीटिंग पिछली तारीख से पहले भी रखी
गयी थी गणेश दीक्षित sk पाठक आदि के द्वारा लखनऊ में और दूसरी अनिल वर्मा
अवनीश संतोष सुजीत आदि के द्वारा आज़मग़ढ मे
लखनऊ में कपिल सिब्बल जी और नागेश्वर राव जी और आज़मग़ढ में कपिल सिब्बल जी और पी पी राव जी के नाम पर सहमति बनी और सहमति से ही अकाउंट नम्बर मेरा (अनिल बाग़पत) अनिल वर्मा और जितेंद्र मैनपुरी का जरी करने की बात हुई लेकिन मीटिंग समाप्त होते ही
अगले दिन इन गद्दारो ने मीटिंग में हुए सारे निर्णय बदल दिए मेरा अकाउंट नबर भी हटा दिया लेकिन मैने टेट मेरिट के हित को देखते हुए कोई विरोध नही किया क्योकि मुझे पैसे से नही केस से मतलब था
दोनों गुटो को हमारे साथियो ने खूब पैसा दिया अकाउंट में भी और व्यक्तिगत रूप से भी जो पाठक सुजीत और जितेंद्र द्वारा बी आर सी पर जा जाकर इकठा किया लेकिन इनके पास इतना पैसा आते ही दोनों गुटो की नियत खराब हो गयी क्योकि इन लोगो ने कभी इतना पैसा देखा ही नही था
और फिर शुरू हुई कपिल सिब्बल जी के नाम पर वसूले गए पैसो को हड़पने की गन्दी राजनीति जिसका हमारे आम टेट साथियो को पता भी नही हैं मै चार दिनों तक दिल्ली में ही रहा और दोनों गुटो की इस गन्दी राजनीति को देखता रहा उस समय मै किसी भी गट का हिस्सा नही था
वहा दोनों गट आपस में मिल लिए (जिसका सबूत अब आपके सामने हैँ जो 24 को लखनऊ में एक साथ दिखेगे लेकिन केवल पुराना पैसा दबाने और नया उगाने की नियत से ) और एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए सिब्बल साहब को हायर नही किया जिनको इन्हें वास्तव में करना ही नही था
फिर मैने सुजीत जितेंद्र अवनीश आदि से मीटिंग में लिए गए निर्णय के अनुसार पी पी राव साहब को हायर करने की बात कही तो इन्होंने मना करते हुए पैसे देने से साफ इंकार कर दिया और 1.25 लाख में जो मेरे सामने दिए गए विकास सिंह को हायर कर लिया और जितेंद्र मैनपुरी ने फेसबुक पर हिसाब लिखते समय उनकी फ़ीस 4.50 लाख बतायी इतना बड़ा धोखा उन साथियो के साथ जो हम पर आँख मुंधकर विस्वास करते है इसके आलावा मैनपुरी नरेश ने विकास सिंह जी के aor के आलावा एक अन्य ट्रेनी वकील की फ़ीस के 40 40 हजार रुपये दो बार दिखाए जिनका उस डेट पर दूर दूर तक कोई मतलब नही था जितेंद्र और सुजीत संतोष आदि को आप चाहे एक करोड़ रुपये दे दीजिये पूरा हिसाब देकर बॅलन्स माईनस में दिखा देगे इतने पक्के बेईमान है ये लोग ऐसे लोगो ने ही टेट मोर्चे को बदनाम कर दिया
उधर पाठक भी इनसे एक कदम आगे बढ़कर दोनों तारीखों का पैसा हजम करे में लग गया और काफी हद तक कामयाब भी हो गया लखनऊ मीटिंग में हिसाब इसलिए नही दिया क्योकि उस समय वे सब लोग मौजूद थे जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से पैसा दिया था उस समय मौखिक रूप से 5 लाख के लगभग बताया गया जो अब घटकर 1.75 रह गया जो दोनों तारीखों का मिलाकर 20 लाख से ऊपर था
और अब तो दोनों गुटो के छटे हुए बेईमान एक मंच पर आ गए इनके साथ हमारे चार वर्षो से हमसफ़र रहे कुछ साथी भी इस गन्दे खेल में शामिल हो गए हैं
सुप्रीम कोर्ट में हो रहे घटनाक्रम को वही से जब मने पोस्ट डाली की आपके साथ धोका किया जा रहा है तब हमारे कई फेसबुकिये भाइयो जैसे विक्रमादित्य चंदोला आदि का कॉमेंट आये की आप हमारे साथियो को गुमराह कर रहे हो तब मने कहा कि एक दो दिनों में हकीकत आपके सामने आ जायेगी क्योकि जो झूठी रशिद उस समय फेसबुक पर डाली जा रही थी वो मेरे सामने ही बनी थी
साथियो बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि मैं अनिल चौधरी बाग़पत टेट मोर्चे से अपने आप को अलग करता हु चार वर्षो से टेट मेरिट के लिए जो में योगदान कर सकता था मने किया बाग़पत से अलाहबाद लगभग 700 किलोमीटर 32 बार हर डेट पर जाकर अशोक खरे साहब को खड़ा करता था और उनकी फ़ीस का इंतजाम कुछ गिने चुने साथी ही करते थे और ये लुटेरे पुरे प्रदेश से उनके नाम पर उगाही करते थे उसी तरह सुप्रीम कोर्ट में भी मजबूती के साथ पैरवी की हमारी कथनी और करनी में कभी अंतर नही रहा
मेरा चयन देर से हुआ ये इन लुटेरो के लिए फायदेमंद रहा क्योकि गलत कम का विरोध करने वाला इनके साथ नही था तब तक ये अपने गोरखधंदे की जड़े मजबूत कर चुके थे
ऍम स्वेछा से अपने आप को इस लड़ाई और टेट मोर्चा से अलग कर रहा हु.....
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
लखनऊ में कपिल सिब्बल जी और नागेश्वर राव जी और आज़मग़ढ में कपिल सिब्बल जी और पी पी राव जी के नाम पर सहमति बनी और सहमति से ही अकाउंट नम्बर मेरा (अनिल बाग़पत) अनिल वर्मा और जितेंद्र मैनपुरी का जरी करने की बात हुई लेकिन मीटिंग समाप्त होते ही
अगले दिन इन गद्दारो ने मीटिंग में हुए सारे निर्णय बदल दिए मेरा अकाउंट नबर भी हटा दिया लेकिन मैने टेट मेरिट के हित को देखते हुए कोई विरोध नही किया क्योकि मुझे पैसे से नही केस से मतलब था
दोनों गुटो को हमारे साथियो ने खूब पैसा दिया अकाउंट में भी और व्यक्तिगत रूप से भी जो पाठक सुजीत और जितेंद्र द्वारा बी आर सी पर जा जाकर इकठा किया लेकिन इनके पास इतना पैसा आते ही दोनों गुटो की नियत खराब हो गयी क्योकि इन लोगो ने कभी इतना पैसा देखा ही नही था
और फिर शुरू हुई कपिल सिब्बल जी के नाम पर वसूले गए पैसो को हड़पने की गन्दी राजनीति जिसका हमारे आम टेट साथियो को पता भी नही हैं मै चार दिनों तक दिल्ली में ही रहा और दोनों गुटो की इस गन्दी राजनीति को देखता रहा उस समय मै किसी भी गट का हिस्सा नही था
वहा दोनों गट आपस में मिल लिए (जिसका सबूत अब आपके सामने हैँ जो 24 को लखनऊ में एक साथ दिखेगे लेकिन केवल पुराना पैसा दबाने और नया उगाने की नियत से ) और एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए सिब्बल साहब को हायर नही किया जिनको इन्हें वास्तव में करना ही नही था
फिर मैने सुजीत जितेंद्र अवनीश आदि से मीटिंग में लिए गए निर्णय के अनुसार पी पी राव साहब को हायर करने की बात कही तो इन्होंने मना करते हुए पैसे देने से साफ इंकार कर दिया और 1.25 लाख में जो मेरे सामने दिए गए विकास सिंह को हायर कर लिया और जितेंद्र मैनपुरी ने फेसबुक पर हिसाब लिखते समय उनकी फ़ीस 4.50 लाख बतायी इतना बड़ा धोखा उन साथियो के साथ जो हम पर आँख मुंधकर विस्वास करते है इसके आलावा मैनपुरी नरेश ने विकास सिंह जी के aor के आलावा एक अन्य ट्रेनी वकील की फ़ीस के 40 40 हजार रुपये दो बार दिखाए जिनका उस डेट पर दूर दूर तक कोई मतलब नही था जितेंद्र और सुजीत संतोष आदि को आप चाहे एक करोड़ रुपये दे दीजिये पूरा हिसाब देकर बॅलन्स माईनस में दिखा देगे इतने पक्के बेईमान है ये लोग ऐसे लोगो ने ही टेट मोर्चे को बदनाम कर दिया
उधर पाठक भी इनसे एक कदम आगे बढ़कर दोनों तारीखों का पैसा हजम करे में लग गया और काफी हद तक कामयाब भी हो गया लखनऊ मीटिंग में हिसाब इसलिए नही दिया क्योकि उस समय वे सब लोग मौजूद थे जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से पैसा दिया था उस समय मौखिक रूप से 5 लाख के लगभग बताया गया जो अब घटकर 1.75 रह गया जो दोनों तारीखों का मिलाकर 20 लाख से ऊपर था
और अब तो दोनों गुटो के छटे हुए बेईमान एक मंच पर आ गए इनके साथ हमारे चार वर्षो से हमसफ़र रहे कुछ साथी भी इस गन्दे खेल में शामिल हो गए हैं
सुप्रीम कोर्ट में हो रहे घटनाक्रम को वही से जब मने पोस्ट डाली की आपके साथ धोका किया जा रहा है तब हमारे कई फेसबुकिये भाइयो जैसे विक्रमादित्य चंदोला आदि का कॉमेंट आये की आप हमारे साथियो को गुमराह कर रहे हो तब मने कहा कि एक दो दिनों में हकीकत आपके सामने आ जायेगी क्योकि जो झूठी रशिद उस समय फेसबुक पर डाली जा रही थी वो मेरे सामने ही बनी थी
साथियो बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि मैं अनिल चौधरी बाग़पत टेट मोर्चे से अपने आप को अलग करता हु चार वर्षो से टेट मेरिट के लिए जो में योगदान कर सकता था मने किया बाग़पत से अलाहबाद लगभग 700 किलोमीटर 32 बार हर डेट पर जाकर अशोक खरे साहब को खड़ा करता था और उनकी फ़ीस का इंतजाम कुछ गिने चुने साथी ही करते थे और ये लुटेरे पुरे प्रदेश से उनके नाम पर उगाही करते थे उसी तरह सुप्रीम कोर्ट में भी मजबूती के साथ पैरवी की हमारी कथनी और करनी में कभी अंतर नही रहा
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ऍम स्वेछा से अपने आप को इस लड़ाई और टेट मोर्चा से अलग कर रहा हु.....
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