Important Posts

Advertisement

मानदेय बढ़ाने को शिक्षामित्र लामबंद

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश के 32 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन की डगर आसान नहीं है। प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने से उसका निस्तारण हुए बगैर समायोजन फिलहाल नहीं हो पाएगा। ऐसे में शिक्षामित्रों ने रणनीति बदल दी है और मानदेय बढ़ाने एवं उसे 12 माह करने के लिए वे लामबंद हो रहे हैं।
विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही यह मांग पूरी कराए जाने की तैयारी है।
प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में इस समय एक लाख 72 हजार शिक्षामित्र कार्यरत हैं उनमें से एक लाख 37 हजार का सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन हो चुका है। अगस्त 2014 में प्रथम चरण का और मई 2015 में द्वितीय चरण में शिक्षामित्र समायोजित हुए थे। उसके बाद 12 सितंबर 2015 को हाईकोर्ट ने समायोजन रद कर दिया था, लेकिन शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। उसी के बाद से सूबे के 32 हजार से अधिक शिक्षामित्र समायोजन के लिए दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी है। इससे वह नाराज भी हैं साथ ही लगातार हो रही भर्तियों से सभी पद भर जाने की आशंका भी है। यही नहीं विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और अधिसूचना किसी भी समय जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में शिक्षामित्रों ने मानदेय बढ़ाने की मुहिम तेज कर दी है।

दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ का कहना है कि शीर्ष कोर्ट के स्थगनादेश के बाद से समायोजित शिक्षकों को सारी सुविधाएं मुहैया हो रही हैं, लेकिन जो समायोजित नहीं हो पाए वह मुट्ठी भर मानदेय से जीविकोपार्जन करने को मजबूर हैं। इससे उनके परिवार का भरण-पोषण भी नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के पदाधिकारी मुख्यमंत्री से मिलकर मांग रख चुके हैं अब सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है कि यदि शिक्षामित्रों का मानदेय न बढ़ाया गया तो नवरात्रि, दशहरा एवं दीपावली जैसे अहम त्योहार शिक्षामित्र नहीं मनाएंगे।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

UPTET news