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स्कूल का सच-- वेतन को लगाएं दौड़ या स्कूलों में पढ़ाएं गुरुजी

 जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : अभी उन्हें पहली सैलरी भी नहीं मिल सकी है। स्कूलों में पढ़ाए हुए पांच माह गुजर गए हैं। मां-बाप से रुपये लेकर पेट्रोल का खर्च निकाल रहे हैं।
कइयों का हाल यह है खर्च चलाते-चलाते परिजन भी परेशान हो गए हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक शिक्षक बताते हैं नोट बंद होने के बाद तो हाल यह हो गया है। दोस्तों एवं रिश्तेदारों से रुपये लेने पड़े। हर रोज सौ रुपये की पेट्रोल फुंक जाती है। बस से जाएं तो सुबह वक्त पर स्कूल नहीं पहुंच पाएं। दफ्तर जाते हैं तो वहां कहा जाता था अभी तक सत्यापन नहीं आया। सत्यापन के लिए एक कर्मचारी को हजार रुपये भी दिए, लेकिन अब कहा जा रहा है कि वित्त एवं लेखाधिकारी दफ्तर में फी¨डग नहीं हुई है।
यह व्यथा है जिले के 196 शिक्षकों की। 15000 शिक्षक भर्ती में तीन जुलाई को फीरोजाबाद में शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। पांच माह बीत गए हैं, लेकिन अभी तक एक भी शिक्षक को वेतन नहीं मिल सका है। शिक्षक परेशान हैं। शिक्षकों की तैनाती दूर-दूर स्थित स्कूलों में है। कोई फीरोजाबाद से 60 किमी दूर एका के स्कूलों में पढ़ाने जाता है तो कोई सिरसागंज में। ऐसे में इन्हें हर रोज आने जाने के लिए भी रुपये चाहिए। कई शिक्षक तो ऐसे हैं जिनके परिवारों के पास में ज्यादा जमा-पूंजी भी नहीं। छात्रवृत्ति के भरोसे पर बीटीसी की। इसके बाद में प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा कर अपना खर्च चला रहे थे। उस वक्त तो भी जेब में पैसे रहते थे। जेब में रुपये छोड़िए, सरकारी नौकरी होने के बाद भी सत्यापन के पेंच ने इन्हें कर्जदार बना डाला है। इनके बाद 16000 शिक्षक भर्ती में नियुक्त होने वाले 200 शिक्षकों को भी वेतन नहीं मिल सका है।
--दो प्रमाण पत्रों का सत्यापन है जरूरी
शासन द्वारा अब शिक्षकों का वेतन आहरित करने से प्रमाण पत्रों का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। पूर्व में प्रदेश में फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने के बाद यह फैसला लिया गया था, क्योंकि फर्जी शिक्षकों से फिर वसूली में दिक्कत आती है, लेकिन सत्यापन में होने वाली दिक्कते किसी से छिपी नहीं। विवि से लेकर बोर्ड के दस्तावेजों के सत्यापन में काफी देर हो जाती है। ऐसे में शिक्षकों की समस्या को देख सरकार ने दो प्रमाण पत्रों के सत्यापन पर ही वेतन आहरित करने के आदेश दिए थे, लेकिन दो प्रमाण पत्रों के भी सत्यापन में विवि एवं बोर्ड स्तर पर काफी वक्त लग जाता है।
--दीपोत्सव ने एक माह आगे बढ़ाया वेतन भुगतान :
विभाग ने अक्टूबर माह का वेतन नवंबर में निकालने की तैयारी कर ली थी। जिनके सत्यापन आने के बाद फी¨डग हो गई थी। उन सभी का वेतन निकल जाता, लेकिन शासन से दीपोत्सव से पूर्व शिक्षकों को वेतन देने का आदेश आया तो फिर आनन-फानन में वेतन निकालना पड़ा। ऐसे में उक्त शिक्षक वेतन आहरण से वंचित रह गए। सूत्रों की माने तो नीचे से ऊपर तक वेतन भुगतान में देरी हो रही है। वित्त एवं लेखाधिकारी दफ्तर में 80 फाइल फीड हो सकी हैं।
---'शासन के आदेश के अनुपालन में हमने दो प्रमाण पत्रों का सत्यापन आने पर वेतन भुगतान का आदेश जारी कर दिया है। जिनके भी सत्यापन आए हैं, उनकी फाइलों को वित्त एवं लेखाधिकारी दफ्तर भेज दिया है। भुगतान दफ्तर से होगा।'
-डॉ.सच्चिदानंद यादव
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी
फीरोजाबाद
'अभी तक 79 शिक्षकों की पत्रावलियां फीड हो गई हैं। अगर दीपोत्सव का त्योहार नहीं आता तो इन्हें नवंबर में वेतन मिल जाता, लेकिन दिक्कत यह है वेतन एक साथ निकालने का नियम है। शेष पत्रावली हम फीड करा रहे हैं। करीब 150 शिक्षकों को वेतन देने का प्रयास है।'-विकास चौधरी वित्त एवं लेखाधिकारी

फीरोजाबाद
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