लखनऊ. सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को विधान परिषद में बजट की चर्चा में शामिल हुए। यहां उन्होंने शिक्षामित्रों के समायोजन रद्द होने पर कहा- ''इनके समायोजन में ही गलती थी। पूर्व की सरकारों ने गलत किया।
अपर मुख्य सचिव को आदेश किया गया है कि वह शिक्षामित्रों का प्रतिवेदन लेकर सरकार के साथ बैठें। सरकार विधिसंगत रास्ते तलाश रही है।'' वहीं, योगी ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा- ''पता नहीं कैसे सदन में अपने पिता पर प्रश्न उठा रहे हैं, जबकी मुलायम सिंह यादव अखिलेश जी के भाग्य विधाता हैं।''
अखिलेश के भाग्य विधाता मुलायम
- सीएम योगी ने विधान परिषद में सपा विधायकों द्वारा हंगामा किए जाने पर कहा- ''उच्च सदन में बैठे हुए लोगों का आचरण कैसा है, इसको देख कर बड़ा आश्चर्य हो रहा है। हम प्रार्थना करते हैं, भगवान उनको बुद्धि दे। बहुत जल्द ही उच्च सदन से भी इनको भागना पड़ेगा।''
- सीएम ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा- ''पता नहीं कैसे सदन में अपने पिता पर प्रश्न उठा रहे हैं, जबकी मुलायम सिंह यादव अखिलेश जी के भाग्य विधाता हैं।''
सड़क पर तोड़फोड़-हिंसा न करें: शिक्षामित्रों से योगी
- वहीं, शिक्षामित्रों पर योगी ने कहा- ''इनके समायोजन में ही गलती थी। पूर्व की सरकारों ने गलत किया। अपर मुख्य सचिव को आदेश किया गया है कि वह शिक्षामित्रों का प्रतिवेदन लेकर सरकार के साथ बैठें। सरकार विधिसंगत रास्ते तलाश रही है।''
- ''मुझे लगता है कि जब सरकार विचार कर रही है तो सड़क पर हिंसा ठीक नहीं। सड़क पर तोड़फोड़ न करें, हिंसा न करें, किसी के बहकावे में ना आएं। विपक्ष उन्हें केवल वोट बैंक मानता है।''
- ''हिंसा होगी और हिंसा का शिकार कोई निर्दोष होगा तो सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाएगी। आप प्रदर्शन न करें, बल्कि स्कूल में जाकर पढ़ाएं।
अगर लोकतांत्रिक तरीके से बात कही जाएगी तो बात सुनी जाएगी। अगर विपक्ष धमकी देगा तो सरकार धमकी देने से डरने वाली नहीं है।''
- ''सभी शिक्षामित्रों से कह रहा हूं कि सबकी बातें सुन रहा हूं। जिनका समायोजन नहीं हुआ था उनका मानदेय बढ़ाया गया है। लोकतंत्र में रास्ता निकलता है। हम रास्ता निकालेंगे। सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगी।''
पिछली सरकारों का किसानों के प्रति कोई एजेंडा नहीं
- योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा- ''प्रतिपक्ष के बातों में विरोधाभाष था। ये बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इस बजट में 36 हजार करोड़ ऋण मोचन का काम किया गया। लोगों को लगा कि केंद्र सरकार बजट में मदद करेगी।''
- ''बहुत सारे लोग अपने को किसान पुत्र कहते हैं, किसान नेता कहते हैं, लेकिन सही मायनों में इस सरकार ने काम किया है। जब सच्चाई का सामना करने की हिम्मत नहीं होती तो पलायन करते हैं। किसानों के लिए हम एहसान नहीं कर रहे हैं।''
- योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा- ''प्रदेश में चार कृषि विश्वविद्यालय हैं, उनको आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है। पिछली सरकारों का किसानों के प्रति कोई एजेंडा नहीं था। किसान उनके एजेंडे में था ही नहीं, वरना 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र खुल जाते।''
- ''इन्होंने पिछले 12-15 वर्षों में जोड़ने नहीं तोड़ने का काम किया। इसका प्रदर्शन दोनों सदनों में देखने को मिला है। प्रदेश के विकास के प्रति कोई भाव नहीं था।''
*सरकार ने शिक्षामित्रों की पैरवी ठीक से नहीं की*
- वहीं, सपा एमएलसी अहमद हसन ने कहा- ''जमहूरियत की आवाज़ को दबाने का काम किया जा रहा है। सरकार ने कोई वकील शिक्षामित्रों के लिए नहीं रखा, पैरवी ठीक से नहीं कराई गई। लाखों लोग सड़क पर हैं, कई परिवार ताबह हो गए।
- ''4 महीने में एक भी विकास कार्य नहीं हुआ। विकास के काम बंद कर रही है सरकार। लैपटॉप, समाजवादी पेंशन, भर्ती सभी बंद कर दिया।''
- ''विधानसभा में जन प्रतिनिधि का अपमान किया गया। एक पाउडर की पुड़िया को पीईटीएन बता रही है। विधान सभा में डराने का काम किया गया।''
शुरू होते ही 20 मिनट के लिए स्थगित हुई थी कार्यवाही
- इससे पहले शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज को लेकर विधान परिषद में समूचे विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही नेता विरोधी दल अहमद हसन ने शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज का मामला उठाया। इसके बाद सभी दलों के सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे।
- विपक्षी दलों ने नारा लगाते हुए कहा- ''लाठी की सरकार नहीं चलेगी, नहीं चलेगी।'' इसके अलावा समाजवादी पार्टी के सभी सदस्य वेल में धरना देकर बैठ गए। सदन में हंगामा होता देख सभापति रमेश यादव ने सदन की कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित कर दिया था।
योगी ने शिक्षामित्रों से कहा- मुझे लगता है कि जब सरकार विचार कर रही है तो सड़क पर हिंसा ठीक नहीं।
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अपर मुख्य सचिव को आदेश किया गया है कि वह शिक्षामित्रों का प्रतिवेदन लेकर सरकार के साथ बैठें। सरकार विधिसंगत रास्ते तलाश रही है।'' वहीं, योगी ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा- ''पता नहीं कैसे सदन में अपने पिता पर प्रश्न उठा रहे हैं, जबकी मुलायम सिंह यादव अखिलेश जी के भाग्य विधाता हैं।''
अखिलेश के भाग्य विधाता मुलायम
- सीएम योगी ने विधान परिषद में सपा विधायकों द्वारा हंगामा किए जाने पर कहा- ''उच्च सदन में बैठे हुए लोगों का आचरण कैसा है, इसको देख कर बड़ा आश्चर्य हो रहा है। हम प्रार्थना करते हैं, भगवान उनको बुद्धि दे। बहुत जल्द ही उच्च सदन से भी इनको भागना पड़ेगा।''
- सीएम ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा- ''पता नहीं कैसे सदन में अपने पिता पर प्रश्न उठा रहे हैं, जबकी मुलायम सिंह यादव अखिलेश जी के भाग्य विधाता हैं।''
सड़क पर तोड़फोड़-हिंसा न करें: शिक्षामित्रों से योगी
- वहीं, शिक्षामित्रों पर योगी ने कहा- ''इनके समायोजन में ही गलती थी। पूर्व की सरकारों ने गलत किया। अपर मुख्य सचिव को आदेश किया गया है कि वह शिक्षामित्रों का प्रतिवेदन लेकर सरकार के साथ बैठें। सरकार विधिसंगत रास्ते तलाश रही है।''
- ''मुझे लगता है कि जब सरकार विचार कर रही है तो सड़क पर हिंसा ठीक नहीं। सड़क पर तोड़फोड़ न करें, हिंसा न करें, किसी के बहकावे में ना आएं। विपक्ष उन्हें केवल वोट बैंक मानता है।''
- ''हिंसा होगी और हिंसा का शिकार कोई निर्दोष होगा तो सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाएगी। आप प्रदर्शन न करें, बल्कि स्कूल में जाकर पढ़ाएं।
अगर लोकतांत्रिक तरीके से बात कही जाएगी तो बात सुनी जाएगी। अगर विपक्ष धमकी देगा तो सरकार धमकी देने से डरने वाली नहीं है।''
- ''सभी शिक्षामित्रों से कह रहा हूं कि सबकी बातें सुन रहा हूं। जिनका समायोजन नहीं हुआ था उनका मानदेय बढ़ाया गया है। लोकतंत्र में रास्ता निकलता है। हम रास्ता निकालेंगे। सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगी।''
पिछली सरकारों का किसानों के प्रति कोई एजेंडा नहीं
- योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा- ''प्रतिपक्ष के बातों में विरोधाभाष था। ये बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इस बजट में 36 हजार करोड़ ऋण मोचन का काम किया गया। लोगों को लगा कि केंद्र सरकार बजट में मदद करेगी।''
- ''बहुत सारे लोग अपने को किसान पुत्र कहते हैं, किसान नेता कहते हैं, लेकिन सही मायनों में इस सरकार ने काम किया है। जब सच्चाई का सामना करने की हिम्मत नहीं होती तो पलायन करते हैं। किसानों के लिए हम एहसान नहीं कर रहे हैं।''
- योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा- ''प्रदेश में चार कृषि विश्वविद्यालय हैं, उनको आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है। पिछली सरकारों का किसानों के प्रति कोई एजेंडा नहीं था। किसान उनके एजेंडे में था ही नहीं, वरना 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र खुल जाते।''
- ''इन्होंने पिछले 12-15 वर्षों में जोड़ने नहीं तोड़ने का काम किया। इसका प्रदर्शन दोनों सदनों में देखने को मिला है। प्रदेश के विकास के प्रति कोई भाव नहीं था।''
*सरकार ने शिक्षामित्रों की पैरवी ठीक से नहीं की*
- वहीं, सपा एमएलसी अहमद हसन ने कहा- ''जमहूरियत की आवाज़ को दबाने का काम किया जा रहा है। सरकार ने कोई वकील शिक्षामित्रों के लिए नहीं रखा, पैरवी ठीक से नहीं कराई गई। लाखों लोग सड़क पर हैं, कई परिवार ताबह हो गए।
- ''4 महीने में एक भी विकास कार्य नहीं हुआ। विकास के काम बंद कर रही है सरकार। लैपटॉप, समाजवादी पेंशन, भर्ती सभी बंद कर दिया।''
- ''विधानसभा में जन प्रतिनिधि का अपमान किया गया। एक पाउडर की पुड़िया को पीईटीएन बता रही है। विधान सभा में डराने का काम किया गया।''
शुरू होते ही 20 मिनट के लिए स्थगित हुई थी कार्यवाही
- इससे पहले शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज को लेकर विधान परिषद में समूचे विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही नेता विरोधी दल अहमद हसन ने शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज का मामला उठाया। इसके बाद सभी दलों के सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे।
- विपक्षी दलों ने नारा लगाते हुए कहा- ''लाठी की सरकार नहीं चलेगी, नहीं चलेगी।'' इसके अलावा समाजवादी पार्टी के सभी सदस्य वेल में धरना देकर बैठ गए। सदन में हंगामा होता देख सभापति रमेश यादव ने सदन की कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित कर दिया था।
योगी ने शिक्षामित्रों से कहा- मुझे लगता है कि जब सरकार विचार कर रही है तो सड़क पर हिंसा ठीक नहीं।
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