लखनऊ. शिक्षामित्रों ने यूपी के योगी सरकार के फैसले
को ठुकरा दिया है। वे सरकार के फैसले से सहमत नहीं हैं। बतादें कि 25 जुलाई
को सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद करने के फैसले और
उसके बाद यूपी सरकार के साथ वार्ता विफल होने से शिक्षामित्र नाराज हैं।
यूपी के शिक्षामित्र अब आर-पार की लड़ाई के लिए मैदान में डट गए हैं। 21 अगस्त को लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में शुरू हुआ उनका सत्याग्रह आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहा। योगी सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय प्रति महीने दस हजार रुपए करने का निर्णय उनका स्वीकार नहीं है। 21 अगस्त को जिलों से आए शिक्षामित्र मंगलवार को भी राजधानी में डटे रहे। शिक्षामित्र योगी सरकार से अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे।
राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान में अनिश्चितकालीन सत्याग्रह कर रहे शिक्षामित्रों को कहना है कि वे सीएम योगी आदित्यनाथ को छोड़कर सरकार के किसी भी अधिकारी से कोई वार्ता करने के लिए तैयार नहीं हैं। २१ अगस्त को लखनऊ में एक लाख से अधिक शिक्षामित्र पहुंचे थे। मंगलवार को भी हजारों की संख्या में शिक्षामित्र सत्याग्रह कर रहे हैं। आंदोलन को देखते हुए लखनऊ में जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दिया है। शिक्षामित्रों ने 21 अगस्त से लखनऊ में समायोजित शिक्षक शिक्षामित्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अनिश्चितकालीन आंदोलन छेडऩे का ऐलान किया था।
यह है डिमांड
शिक्षामित्रों की मांग है कि यूपी की योगी सरकार अध्यादेश लाकर उन्हें फिर से सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त करे और तब तक समान कार्य करने के लिए समान वेतन के सिद्धांत पर उन्हें शिक्षकों के बराबर वेतन दे। शीर्ष कोर्ट से शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के फैसले के बाद शिक्षामित्रों और योगी सरकार के बीच वार्ता विफल हो गई थी। यूपी की योगी सरकार ने शिक्षामित्रों को कुछ दिन तक आंदोलन बंद करने के लिए कहा था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मसले का कोई हल निकलने की बात भी की थी। इसके बाद शिक्षामित्रों ने अपना आंदोलन ठक कर दिया। लेकिन पंद्रह दिन का समय पूरा होने के बाद भी सरकार द्वारा जब कोई हल नहीं निकाला गया तो शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन फिर से शुरू कर दिया।
वहीं सरकार ने भी किसी भी परिस्थति से निपटने की तैयारी कर ली है। सोमवार से कई जिलों से राजधानी में शिक्षामित्र पहुंचे हैं और उनका प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी है। प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किये गए हैं।
यह है आदेश
-शिक्षामित्रों के आंदोलन के बीच विभागीय अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने आदेश जारी कर दिया। --
-आदेश के मुताबिक एक अगस्त से समायोजित व गैर समायोजित सभी शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
-सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक ऐसे शिक्षामित्र जो शिक्षक पद पर समायोजित थे, शासन से उन्हें एक अगस्त 2017 से शिक्षामित्र के पद पर प्रत्यावर्तित माना जाएगा।
-साथ ही उन्हें यह विकल्प दिया जाएगा कि वे अपने वर्तमान स्कूल या मूल तैनाती के स्कूलों में पढ़ाएं।
-अभी तक गैर समायोजित शिक्षामित्रों को 3500 रुपये मानदेय दिया जा रहा है।
-उनका मानदेय बढ़ कर 10 हजार रुपये हो चुका है लेकिन अभी तक शासनादेश जारी न होने की वजह से वे 3500 रुपये पर ही काम कर रहे थे।
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यूपी के शिक्षामित्र अब आर-पार की लड़ाई के लिए मैदान में डट गए हैं। 21 अगस्त को लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में शुरू हुआ उनका सत्याग्रह आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहा। योगी सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय प्रति महीने दस हजार रुपए करने का निर्णय उनका स्वीकार नहीं है। 21 अगस्त को जिलों से आए शिक्षामित्र मंगलवार को भी राजधानी में डटे रहे। शिक्षामित्र योगी सरकार से अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे।
राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान में अनिश्चितकालीन सत्याग्रह कर रहे शिक्षामित्रों को कहना है कि वे सीएम योगी आदित्यनाथ को छोड़कर सरकार के किसी भी अधिकारी से कोई वार्ता करने के लिए तैयार नहीं हैं। २१ अगस्त को लखनऊ में एक लाख से अधिक शिक्षामित्र पहुंचे थे। मंगलवार को भी हजारों की संख्या में शिक्षामित्र सत्याग्रह कर रहे हैं। आंदोलन को देखते हुए लखनऊ में जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दिया है। शिक्षामित्रों ने 21 अगस्त से लखनऊ में समायोजित शिक्षक शिक्षामित्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अनिश्चितकालीन आंदोलन छेडऩे का ऐलान किया था।
यह है डिमांड
शिक्षामित्रों की मांग है कि यूपी की योगी सरकार अध्यादेश लाकर उन्हें फिर से सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त करे और तब तक समान कार्य करने के लिए समान वेतन के सिद्धांत पर उन्हें शिक्षकों के बराबर वेतन दे। शीर्ष कोर्ट से शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के फैसले के बाद शिक्षामित्रों और योगी सरकार के बीच वार्ता विफल हो गई थी। यूपी की योगी सरकार ने शिक्षामित्रों को कुछ दिन तक आंदोलन बंद करने के लिए कहा था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मसले का कोई हल निकलने की बात भी की थी। इसके बाद शिक्षामित्रों ने अपना आंदोलन ठक कर दिया। लेकिन पंद्रह दिन का समय पूरा होने के बाद भी सरकार द्वारा जब कोई हल नहीं निकाला गया तो शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन फिर से शुरू कर दिया।
वहीं सरकार ने भी किसी भी परिस्थति से निपटने की तैयारी कर ली है। सोमवार से कई जिलों से राजधानी में शिक्षामित्र पहुंचे हैं और उनका प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी है। प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किये गए हैं।
यह है आदेश
-शिक्षामित्रों के आंदोलन के बीच विभागीय अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने आदेश जारी कर दिया। --
-आदेश के मुताबिक एक अगस्त से समायोजित व गैर समायोजित सभी शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
-सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक ऐसे शिक्षामित्र जो शिक्षक पद पर समायोजित थे, शासन से उन्हें एक अगस्त 2017 से शिक्षामित्र के पद पर प्रत्यावर्तित माना जाएगा।
-साथ ही उन्हें यह विकल्प दिया जाएगा कि वे अपने वर्तमान स्कूल या मूल तैनाती के स्कूलों में पढ़ाएं।
-अभी तक गैर समायोजित शिक्षामित्रों को 3500 रुपये मानदेय दिया जा रहा है।
-उनका मानदेय बढ़ कर 10 हजार रुपये हो चुका है लेकिन अभी तक शासनादेश जारी न होने की वजह से वे 3500 रुपये पर ही काम कर रहे थे।
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