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दस दिन में ट्रेनिंग पर भेजो और करो नियुक्तियां : सुप्रीम कोर्ट

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में नियुक्ति की राह देख रहे साढ़े तीन हजार दारोगाओं को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रदेश सरकार से कहा कि वह दस दिन में इन दारोगाओं को ट्रेनिंग पर भेजकर ट्रेनिंग पूरी कराए और फिर उनकी नियुक्तियां करे। यह मामला 2011 का दारोगा व प्लाटून कमांडरों की भर्ती का है।

न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ व न्यायमूर्ति आर भानुमती की पीठ ने याचिकाकर्ता दारोगाओं की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद ये आदेश दिये। इसके अलावा पीठ ने इस मामले से संबंधित हाई कोर्ट में लंबित सभी याचिकाएं सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित कर ली हैं। इससे पहले नौकरी की बाट जोह रहे याचिकाकर्ता दरोगाओं की ओर से पेश वकील दुष्यंत दवे व कृष्ण मुरारी सिंह ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किलों का मामला अलग है। हाई कोर्ट ने जिन आधारों जैसे वाइटनर का प्रयोग या राउंडअप आदि के आधार पर चयन सूची रद की है उसमें इनका नाम नहीं आता। चयन के बाद इन लोगों को ट्रेनिंग पर भेज दिया गया था। इनकी ट्रेनिंग करीब- करीब पूरी हो गई है। बस पासिंग आउट परेड बाकी थी लेकिन हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद पिछले साल नवंबर में इनकी ट्रेनिंग रोक दी गई थी और तब से रुकी है। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश एडीशनल एडवोकेट जनरल डीके सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आर्डर का पालन किया है। ग्रुप डिसकशन आदि हो चुका है। हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार फाइनल लिस्ट भी तैयार है। कोर्ट सरकार को इजाजत दे कि जो लोग इस लिस्ट में हैं, उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजा जाए और नियुक्ति की जाए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनकर आदेश दिया कि चयनित लोगों को दस दिन में ट्रेनिंग पर भेजा जाए और ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें नियुक्ति पत्र देकर ज्वाइनिंग कराई जाए। इस मामले में कोर्ट 22 अगस्त को फिर सुनवाई करेगा। मामला 2011 की भर्ती का है। कुल 4010 पद थे। मौजूदा मामला 3533 नियुक्तियों का था जिसमें से 315 प्लाटून कमांडर थे और बाकी के सब इंस्पेक्टर थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट की एकलपीठ ने 24 अगस्त 2016 को भर्तियों की चयन सूची रद कर दी थी।

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