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नए आयोग में नई भर्तियां: माध्यमिक और उच्चतर अशासकीय कालेजों के साथ राजकीय का भी मिलेगा दायित्व

इलाहाबाद : प्रदेश में शिक्षक भर्ती का नया आयोग गठित होने के मुहाने पर है। आयोग का खाका खींचने के साथ ही वहां की भर्तियों को भी सूचीबद्ध किया जा रहा है। इसमें पुरानी नियुक्तियां होंगी ही कई नई भर्तियां भी
नए आयोग को सुपुर्द करने की तैयारी है।
नए आयोग का दायरा बढ़ाकर उसमें राजकीय कालेजों के शिक्षकों को भी शामिल किया जाएगा। पहला चरण पूरा होने के बाद बेसिक के शिक्षक नियुक्ति में बदलाव करके उसे भी नये आयोग को देने पर विचार चल रहा है। इससे आगे चलकर प्रदेश भर के सभी शिक्षक एक जगह से ही चयनित होंगे। 1प्रदेश की भाजपा सरकार माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उप्र का विलय करा रही है। यह दोनों आयोग अब तक सूबे के अशासकीय माध्यमिक व महाविद्यालय के शिक्षक और प्राचार्य आदि का चयन करते आ रहे हैं। चयन बोर्ड में इस समय 2011 प्रवक्ता व स्नातक शिक्षकों की लिखित परीक्षा के कुछ विषयों का रिजल्ट जारी हो चुका है और करीब तीन दर्जन विषयों का परिणाम आना शेष है। इसी के साथ लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार भी होगा। इसके बाद 2016 प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा अक्टूबर माह में कराने का एलान हो चुका है। यह दोनों नियुक्तियां अब नये आयोग ही पूरा कराएगा। साथ ही 2017 के लिए अधियाचन लेकर आवेदन लिए जाने की प्रक्रिया भी लंबित है। चयन बोर्ड ने लंबे समय से प्रधानाचार्यो की भर्ती नहीं कराई है, नये आयोग के सामने यह चयन कराना बड़ी चुनौती होगी। 1उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1652 पदों की भर्ती अब तक पूरी नहीं हो सकी है, करीब नौ विषयों का साक्षात्कार रुका है। वहीं, 1150 पदों के लिए नये आवेदन लिए जा चुके हैं, उसकी भी लिखित परीक्षा और साक्षात्कार होना है। यह काम भी नए आयोग को मिलना तय माना जा रहा है, क्योंकि फिलहाल उच्चतर आयोग की गतिविधि शून्य जैसी है। यहां भी प्राचार्य भर्ती लंबे समय से नहीं हुई है। नया आयोग गठन के निर्देश में कहा गया है कि राजकीय माध्यमिक व महाविद्यालयों के प्रवक्ता का चयन अब तक उप्र लोकसेवा आयोग करता आ रहा है, लेकिन यह दोनों भर्तियां आगे से नया आयोग ही कराएगा। दो आयोगों के विलय का पहला चरण पूरा होने के बाद बेसिक शिक्षकों की भर्ती भी नए आयोग को सौंपी जा सकती हैं, क्योंकि सरकार की मंशा है कि एक जैसा चयन एक ही जगह से हो। 19342 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती : सपा सरकार ने राजकीय कालेजों के लिए एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की नियमावली में पिछले साल ही बदलाव किया था और मंडल के बजाय इसे राज्य स्तर पर कराने का आदेश जारी हुआ। भर्ती मेरिट के आधार पर होनी थी लेकिन, भाजपा सरकार लिखित परीक्षा कराने के पक्ष में है। पिछले दिनों शिक्षा निदेशालय से इस भर्ती को कराने के लिए उप्र लोकसेवा आयोग को पत्र भेजा गया था। माना जा रहा है कि यह भर्ती भी नए आयोग को सुपुर्द होगी।’>>माध्यमिक और उच्चतर अशासकीय कालेजों के साथ राजकीय का भी मिलेगा दायित्व1’>>दोनों आयोगों में पहले से ही कई नई भर्तियों का कार्यक्रम लंबित चल रहा

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