समायोजन रद्द होने से नाराज हजारों शिक्षामित्रों ने शनिवार को आक्रामक तेवर दिखाए। तीसरे दिन उन्होंने बीएसए दफ्तर पर सत्याग्रह आंदोलन जारी रखा। साथ ही जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
दोपहर को वह रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और ट्रैक पर बैठकर करीब आधा घंटे तक कासगंज अप बरेली ट्रेन को रोके रखा। आरपीएफ इंसपेक्टर हरेंद्र सिंह ने 54 नामजद को नामजद करते हुए सैकड़ों अज्ञात शिक्षामित्रों के खिलाफ अनाधिकृत तरीके से ट्रैक पर पहुंचने, हल्ला करने और आंदोलन कर ट्रेन को रोके जाने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। समायोजन रद्द होने के बाद दूसरे चरण में शिक्षामित्र बीते तीन दिन से सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं। शनिवार की सुबह काफी संख्या में शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन के लिए पहुंच गए। वक्ताओं ने साफ तौर पर कहा कि शिक्षक के अलावा वे कुछ नहीं मानेंगे। अपनी मांग को पूरा कराने के लिए चाहे उन्हें जो भी रास्ता अपनाना पड़े वे पीछे नहीं हटेंगे। पूरे प्रदेश में शिक्षामित्र एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं। तीन दिन से आंदोलन चलने के बाद भी सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है। इससे सरकार की मंशा पर भी शक होने लगा है। धरना-प्रदर्शन के बीच करीब दोपहर दो बजे सभी शिक्षामित्र रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। सभी प्रदर्शन करते हुए ट्रैक पर बैठ गए। इस बीच उन्होंने कासगंज-अप-बरेली ट्रेन को रोक लिया और जमकर प्रदर्शन करने लगे। कई शिक्षामित्र ट्रेन के इंजन पर चढ़ गए। इससे लगभग आधा घंटे तक ट्रेन स्टेशन पर ही रुकी रही। ट्रेन रोके जाने की खबर पर नगर मजिस्ट्रेट राज कुमार द्विवेदी और सीओ सिटी वीरेंद्र सिंह यादव फोर्स के साथ वहां पहुंच गए। दोनों अधिकारियों के काफी समझाने के बाद शिक्षामित्रों ने ट्रेन को आगे बढ़ने दिया। इसके उपरांत शिक्षामित्रों ने स्टेशन अधीक्षक ओपी मीना को ज्ञापन दिया। बाद में प्रदर्शनकारी शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय लौट आए। इस मौके पर अमित शर्मा, मृदुलेश यादव, अरुण तोमर, रावेंद्र सिंह, निर्भान सिंह यादव, दिनेश चौधरी, जयप्रकाश आर्य,मुनेंद्र पाल सिंह, भानुप्रताप सिंह, प्रवीण कुमार, वर्षा भारती, सीमा,लज्जावती, अमर सिंह, रामवीर सिंह, राजीव सिंह, राजकुमार, सरिता, विनीता, रमेश, मोहन लाल आदि हजारों शिक्षामित्र मौजूद थे। |
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दोपहर को वह रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और ट्रैक पर बैठकर करीब आधा घंटे तक कासगंज अप बरेली ट्रेन को रोके रखा। आरपीएफ इंसपेक्टर हरेंद्र सिंह ने 54 नामजद को नामजद करते हुए सैकड़ों अज्ञात शिक्षामित्रों के खिलाफ अनाधिकृत तरीके से ट्रैक पर पहुंचने, हल्ला करने और आंदोलन कर ट्रेन को रोके जाने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। समायोजन रद्द होने के बाद दूसरे चरण में शिक्षामित्र बीते तीन दिन से सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं। शनिवार की सुबह काफी संख्या में शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन के लिए पहुंच गए। वक्ताओं ने साफ तौर पर कहा कि शिक्षक के अलावा वे कुछ नहीं मानेंगे। अपनी मांग को पूरा कराने के लिए चाहे उन्हें जो भी रास्ता अपनाना पड़े वे पीछे नहीं हटेंगे। पूरे प्रदेश में शिक्षामित्र एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं। तीन दिन से आंदोलन चलने के बाद भी सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है। इससे सरकार की मंशा पर भी शक होने लगा है। धरना-प्रदर्शन के बीच करीब दोपहर दो बजे सभी शिक्षामित्र रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। सभी प्रदर्शन करते हुए ट्रैक पर बैठ गए। इस बीच उन्होंने कासगंज-अप-बरेली ट्रेन को रोक लिया और जमकर प्रदर्शन करने लगे। कई शिक्षामित्र ट्रेन के इंजन पर चढ़ गए। इससे लगभग आधा घंटे तक ट्रेन स्टेशन पर ही रुकी रही। ट्रेन रोके जाने की खबर पर नगर मजिस्ट्रेट राज कुमार द्विवेदी और सीओ सिटी वीरेंद्र सिंह यादव फोर्स के साथ वहां पहुंच गए। दोनों अधिकारियों के काफी समझाने के बाद शिक्षामित्रों ने ट्रेन को आगे बढ़ने दिया। इसके उपरांत शिक्षामित्रों ने स्टेशन अधीक्षक ओपी मीना को ज्ञापन दिया। बाद में प्रदर्शनकारी शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय लौट आए। इस मौके पर अमित शर्मा, मृदुलेश यादव, अरुण तोमर, रावेंद्र सिंह, निर्भान सिंह यादव, दिनेश चौधरी, जयप्रकाश आर्य,मुनेंद्र पाल सिंह, भानुप्रताप सिंह, प्रवीण कुमार, वर्षा भारती, सीमा,लज्जावती, अमर सिंह, रामवीर सिंह, राजीव सिंह, राजकुमार, सरिता, विनीता, रमेश, मोहन लाल आदि हजारों शिक्षामित्र मौजूद थे। |
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