संवाद सहयोगी, हाथरस : समायोजन रद हो जाने के आदेश ने शिक्षामित्रों को
पूरी तरह हिला कर रख दिया है। कुछ शिक्षामित्र फिर से विरोध करने में जुट
गए हैं तो कुछ अपने पद को वापस पाने के लिए खुद को तलाश रहे हैं।
वहीं सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि सहायक अध्यापक बनने के लिए उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा पास ही करनी होगी। इसके बाद अब शिक्षामित्र परीक्षा की तैयारी के लिए अच्छी कोचिंग पाना चाहते हैं। नहीं मिलने पर आपा भी खोते नजर आते हैं। ऐसा ही वाक्या बुधवार को बुधवार को अलीगढ़ रोड स्थित एक कोचिंग सेंटर पर दिखा। यहां शिक्षक पात्रता परीक्षा के बैच में कोचिंग संचालक द्वारा प्रवेश न देने पर शिक्षामित्रों ने हंगामा काटा गया। करीब आधा घंटा तक यही माहौल रहा। राहगीरों की भीड़ लग गई। ऐसे में संचालक के काफी समझाने के बाद शिक्षामित्र माने और मायूस होकर लौट गए। बता दें कि पास ही में थाना भी था। इस कारण भी हंगामे ने ज्यादा तूल नहीं पकड़ा।
बाते दें कि एक हजार से अधिक शिक्षामित्रों को समायोजन के बाद सहायक अध्यापक का दर्जा पूर्व सरकार ने दिया था। 35 सौ रुपये की जगह करीब चालीस हजार से अधिक का वेतन सहायक अध्यापक का दर्जा मिल जाने के बाद शिक्षामित्रों का हो गया। रुतबा बढ़ जाने के बाद शिक्षामित्रों के रहन-सहन में भी बदलाव आ गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बिना शिक्षक पात्रता परीक्षा के सहायक अध्यापक बने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया। उसके बाद लगातार शिक्षामित्र आंदोलन कर रहे हैं।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
वहीं सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि सहायक अध्यापक बनने के लिए उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा पास ही करनी होगी। इसके बाद अब शिक्षामित्र परीक्षा की तैयारी के लिए अच्छी कोचिंग पाना चाहते हैं। नहीं मिलने पर आपा भी खोते नजर आते हैं। ऐसा ही वाक्या बुधवार को बुधवार को अलीगढ़ रोड स्थित एक कोचिंग सेंटर पर दिखा। यहां शिक्षक पात्रता परीक्षा के बैच में कोचिंग संचालक द्वारा प्रवेश न देने पर शिक्षामित्रों ने हंगामा काटा गया। करीब आधा घंटा तक यही माहौल रहा। राहगीरों की भीड़ लग गई। ऐसे में संचालक के काफी समझाने के बाद शिक्षामित्र माने और मायूस होकर लौट गए। बता दें कि पास ही में थाना भी था। इस कारण भी हंगामे ने ज्यादा तूल नहीं पकड़ा।
बाते दें कि एक हजार से अधिक शिक्षामित्रों को समायोजन के बाद सहायक अध्यापक का दर्जा पूर्व सरकार ने दिया था। 35 सौ रुपये की जगह करीब चालीस हजार से अधिक का वेतन सहायक अध्यापक का दर्जा मिल जाने के बाद शिक्षामित्रों का हो गया। रुतबा बढ़ जाने के बाद शिक्षामित्रों के रहन-सहन में भी बदलाव आ गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बिना शिक्षक पात्रता परीक्षा के सहायक अध्यापक बने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया। उसके बाद लगातार शिक्षामित्र आंदोलन कर रहे हैं।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
0 تعليقات