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शिक्षामित्रों के बाद अब प्रेरकों की नौकरी खतरे में

मैनपुरी। शिक्षा मित्रों के बाद अब साक्षर भारत मिशन योजना के तहत जिले में तैनात प्रेरकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। निदेशक साक्षरता ने उनके नवीनीकरण पर रोक का आदेश जारी कर दिया है।
यह निर्णय भारत सरकार द्वारा योजना के संबद्ध में कोई निर्णय न लिए जाने पर लिया गया है।
साक्षर भारत मिशन योजना के तहत वर्ष 2010 में जनपद में लोक शिक्षा केंद्रों की स्थापना की गई थी। लोक शिक्षा केंद्र पर दो-दो प्रेरकों की तैनात किए गए थे। जिले की तत्कालीन 503 ग्राम पंचायतों में से 472 में 924 प्रेरकों की तैनाती है। 30 सितंबर को इन प्रेरकों का समय पूरा हो रहा है। प्रेरकों को प्रतिमाह दो हजार रुपये मानदेय के रूप में मिलते थे।
भारत सरकार ने साक्षर भारत मिशन योजना कार्यक्रम को फिलहाल आगे न चलाने की मंशा जाहिर की है। जिसे देखते हुए निदेशक साक्षरता अवध नरेश शर्मा ने बीएसए को पत्र भेजकर एक अक्टूबर से प्रेरकों का मानदेय न जारी करने को कहा है।
साथ ही प्रेरकों के नवीनीकरण पर भी रोक लगाई है। इससे जिले में तैनात 924 प्रेरकों का भविष्य खतरे में दिखाई दे रहा है। 30 सितंबर के बाद उनकी सेवाएं समाप्त हो सकती हैं।
साक्षर भारत मिशन योजना के तहत जनपद को 49 हजार लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य सौंपा गया था। इसमें से 16 हजार लोग अभी तक साक्षर नहीं हो पाए हैं। इसके अतिरिक्त 88 ग्राम पंचायतों में तो ये योजना शुरू ही नहीं हो सकी। वर्तमान में जनपद में 560 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें से 472 में लोक शिक्षा केंद्र की स्थापना हो सकी थी।
डीसी साक्षरता पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि फिलहाल साक्षर भारत मिशन योजना के सभी कार्यों पर एक अक्टूबर से रोक लगने जा रही है। पर, उम्मीद है कि 15 अक्टूबर के बाद योजना के नवीनीकरण का आदेश आ सकता है।

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