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शिक्षामित्रों पर सख्ती, बीएसए को शासन ने दिए ये खास निर्देश

लखनऊ। समायोजन निरस्त होने के बाद से ही ज्यादातर शिक्षामित्र विद्यालयों में पढ़ाने नहीं पहुंच रहे हैं। इससे पठन-पाठन की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा।
अक्तूबर के अंत में परिषदीय विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा होनी है। व्यवस्था में सुधार न होते देख सरकार की भी चिंता बढ़ गई है। ऐसे में बेसिक शिक्षा निदेशक ने शिक्षामित्रों की विद्यालयों में उपस्थिति और पठन-पाठन की स्थिति की रिपोर्ट प्रतिदिन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को इस संबंध में पत्र जारी कर दिया गया है।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में करीब 1.72 लाख शिक्षामित्रों में से ज्यादातर करीब डेढ़ माह से विद्यालय नहीं जा रहे हैं। इससे पठन-पाठन का माहौल बिगड़ गया है। सकर उन विद्यालयों की स्थिति ज्यादा खराब हैं, जो पूरी तरह शिक्षामित्रों के भरोसे ही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में दूर-दराज के उन विद्यालयों में ज्यादा समस्या हैं, जहां शिक्षण कार्य से लेकर मध्याह्न भोजन समेत सभी जिम्मेदारी शिक्षामित्र ही निभा रहे थे।

ऐसे में बेसिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर उपनिदेशक (शिविर) गणेश कुमार ने शनिवार को सभी बीएसए को पत्र जारी किया। इसमें शिक्षामित्रों द्वारा किए जा रहे धरना-प्रदर्शन के दृष्टिगत उनकी विद्यालयों में उपस्थिति और पठन-पाठन की स्थिति के संबंध में आख्या प्रतिदिन शाम पांच बजे तक ई-मेल पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।

प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय 10 हजार प्रतिमाह करने की घोषणा तो कर दी है लेकिन मानदेय का भुगतान कब से होगा, यह अब तक तय नहीं हुआ है।शिक्षामित्रों के धरना-प्रदर्शन के कारण विद्यालयों में उनकी उपस्थिति तथा पठन-पाठन की रिपोर्ट तलब किए जाने को मानदेय भुगतान में हो रही देरी से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि 10 हजार रुपये मानदेय का भुगतान भी शिक्षामित्रों को विद्यालय में उपस्थिति के हिसाब से होगा। बीएसए कार्यालय के एफओ विमलेश यादव का कहना है कि मानदेय भुगतान के संबंध में अभी किसी तरह का दिशा-निर्देश नहीं मिला है।
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