सीतापुर. योगी सरकार के दस हज़ार के मानदेय दिए जाने के
कैबिनेट फैसले के खिलाफ आज प्रदेश भर में शिक्षामित्रों का जोरदार हंगामा
देखने को मिला।
आलम यह था कि पुरुष शिक्षामित्रों ने अपने तन से आधे कपड़े तक उतार दिया और महिला शिक्षामित्रों के सामने ही बेशर्मी की पूरी इंतहा पार कर दी। शिक्षमित्र यहीं तक नहीं रुके और उन्होंने सड़कों को जाम के हवाले कर पुलिस की कार्यवाही को करीब करीब ताक पर रख दिया और योगी सरकार के खिलाफ जोरदार बयानबाजी की।
"दस हज़ार है बहुत कम, योगी में नहीं है दम"। जैसे नारों के साथ आज सीतापुर की हर सड़क गूंज रही थी। सड़कों पर हज़ारों की तादाद में शिक्षामित्रों की भीड़ जमा थी तो अपनी बहाली की मांग कर रहे थे। इस दौरान अपनी बातों को मनवाने के लिए आज शिक्षा मित्रों का हर वह बेशर्म चेहरा देखने को मिला जिसकी उम्मीद शायद ही प्रशासन और शासन के अलंबरदारों ने की होगी। दरअसल विरोध प्रदर्शन के दौरान शिक्षमित्र नग्नता पर उतारू हो गए और पुरुषों ने महिला शिक्षामित्रों के सामने ही अपने शरीर से आधे कपड़े उतार दिया। जिसको लेकर एकबार महिला शिक्षामित्रों को शर्म तो आयी लेकिन संगठन की कार्यवाही और पदाधिकारियों के इस रवैये के आगे वह खामोश रहीं और मजबूरी में ही सही लेकिन नंगे साथी शिक्षामित्रों का साथ महिलाओं को देना पड़ा।
पूर्व सीएम अखिलेश की सलाह पर अफ़सोस करते दिखे शिक्षामित्र
सीतापुर। बात उस वक्त की है जब शिक्षामित्रों को पुण्यतः शिक्षक नहीं माना गया था और उनका अपनी स्थायी नियुक्ति के लिए संघर्ष लगातार जारी था। सूत्रों की माने तो उस वक्त तत्कालीन सीएम अखिलेश ने शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की थी और उनको 20 हज़ार तक मानदेय किये जाने की बात को मान लेने को कहा था लेकिन स्थायी नियुक्ति को लेकर हंगामा कर रहे शिक्षामित्रों को यह सलाह उचित नहीं लगी थी और वही बात का अफ़सोस आज कही न कहीं शिक्षामित्रों के बीच देखने को मिल रहा है।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
आलम यह था कि पुरुष शिक्षामित्रों ने अपने तन से आधे कपड़े तक उतार दिया और महिला शिक्षामित्रों के सामने ही बेशर्मी की पूरी इंतहा पार कर दी। शिक्षमित्र यहीं तक नहीं रुके और उन्होंने सड़कों को जाम के हवाले कर पुलिस की कार्यवाही को करीब करीब ताक पर रख दिया और योगी सरकार के खिलाफ जोरदार बयानबाजी की।
"दस हज़ार है बहुत कम, योगी में नहीं है दम"। जैसे नारों के साथ आज सीतापुर की हर सड़क गूंज रही थी। सड़कों पर हज़ारों की तादाद में शिक्षामित्रों की भीड़ जमा थी तो अपनी बहाली की मांग कर रहे थे। इस दौरान अपनी बातों को मनवाने के लिए आज शिक्षा मित्रों का हर वह बेशर्म चेहरा देखने को मिला जिसकी उम्मीद शायद ही प्रशासन और शासन के अलंबरदारों ने की होगी। दरअसल विरोध प्रदर्शन के दौरान शिक्षमित्र नग्नता पर उतारू हो गए और पुरुषों ने महिला शिक्षामित्रों के सामने ही अपने शरीर से आधे कपड़े उतार दिया। जिसको लेकर एकबार महिला शिक्षामित्रों को शर्म तो आयी लेकिन संगठन की कार्यवाही और पदाधिकारियों के इस रवैये के आगे वह खामोश रहीं और मजबूरी में ही सही लेकिन नंगे साथी शिक्षामित्रों का साथ महिलाओं को देना पड़ा।
पूर्व सीएम अखिलेश की सलाह पर अफ़सोस करते दिखे शिक्षामित्र
सीतापुर। बात उस वक्त की है जब शिक्षामित्रों को पुण्यतः शिक्षक नहीं माना गया था और उनका अपनी स्थायी नियुक्ति के लिए संघर्ष लगातार जारी था। सूत्रों की माने तो उस वक्त तत्कालीन सीएम अखिलेश ने शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की थी और उनको 20 हज़ार तक मानदेय किये जाने की बात को मान लेने को कहा था लेकिन स्थायी नियुक्ति को लेकर हंगामा कर रहे शिक्षामित्रों को यह सलाह उचित नहीं लगी थी और वही बात का अफ़सोस आज कही न कहीं शिक्षामित्रों के बीच देखने को मिल रहा है।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines