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शिक्षामित्रों के पक्ष में बेअसर रहा बंदी का आह्वान, खुले स्कूल: शिक्षामित्रों ने शिक्षक संगठनों से मांगा था सहयोग

एटा: शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज और फायरिंग के बाद सोशल मीडिया पर शिक्षामित्र नेताओं द्वारा शनिवार को शिक्षकों से स्कूलों में तालाबंदी करने के लिए की गई अपील का कोई असर नहीं दिखा।
शिक्षक संगठनों ने घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव तो पारित किया है, लेकिन खुलकर कोई भी शिक्षामित्रों के सहयोग के लिए आगे आने से बचता नजर आया। उधर विभाग ने भी शासन के रुख को भांपते हुए स्कूलों में शिक्षामित्रों की सही उपस्थिति को लेकर निगरानी बढ़ाई है। 1वैसे तो शुक्रवार को हुई घटना में घायल हुए शिक्षामित्रों को देखने के लिए भी शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे थे। इसके बाद शिक्षामित्र संगठनों ने सोशल मीडिया पर रात में ही शिक्षक संगठनों से सहयोग की अपील कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि प्राथमिक शिक्षक संघ प्रशासनिक कार्रवाई के विरोध को लेकर शिक्षामित्रों के साथ आएं और शनिवार को स्कूलों में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शित करें। इस तरह की अपील के बाद प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष लोकपाल सिंह प्रचार मंत्री विवेक यादव की ओर से निंदा प्रस्ताव सोशल मीडिया पर प्रसारित तो किया गया, लेकिन अपील के अनुरूप शिक्षकों ने शिक्षण व्यवस्था को प्रभावित करने में कोई रुचि नहीं ली। सुबह ही निर्धारित समय पर विद्यालय खुले तथा विधिवत शिक्षण भी हुआ। यहां एक बात और चर्चा में रही कि कुछ दिन पहले प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा शहीद पार्क स्थित भवन को कार्यालय बना लिया था। जिसका शिक्षामित्र संगठनों ने विरोध करते हुए प्रशासनिक हस्तक्षेप से खाली करा लिया। कुछ शिक्षक संगठनों ने तो फिलहाल शिक्षामित्रों के मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साध ली है।1स्कूल रजिस्टर की मॉनीटरिंग तेज : अब तक स्कूलों में न जाकर हस्ताक्षर करते रहे शिक्षामित्रों की मॉनीटरिंग भी विभागीय स्तर पर तेज कर दी गई है। सभी एनपीआरसी सुबह 9 बजे शिक्षामित्रों की उपस्थिति की समीक्षा कर सूचना ब्लॉक फिर जिला स्तर पर उपलब्ध करा रहे हैं। 1’>> शिक्षामित्रों ने शिक्षक संगठनों से मांगा था सहयोग1’>>घटना को लेकर सिर्फ किया निंदा प्रस्ताव पारित

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