Important Posts

कहीं शिक्षामित्रों के नाम पर सियासत तो नहीं हो रही

शाहजहांपुर-  लगता है कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों के नाम पर कहीं कोई बड़ी साजिश तो नहीं हो रही। शिक्षामित्रो के नाम पर राजनीत हो रही है इनकी सख्या 172000 बता कर सरकार पर दबाव डाला जाता है।
जब कि स्नातक पास 124000 को ही अनुमति बीटीसी करने की थी। फिर सभी पर राजनीत क्यों हो रही है। 2010 में जब स्नातक पास शिक्षामित्रो को अध्यापको के रजिस्टर पर साइन कराने के निर्देश बसपा सरकार ने किये तोशिक्षामित्रो के नेताओ ने राजनीत कर दबाब बना कर सभी के साइन जबरन अध्यापक रजिस्टर पर कराये और अपनी राजनीत को गति दी 2011 में 124000 स्नातक पास शिक्षामित्र और 42000 इंटर पास शिक्षामित्र थे। टोटल 166000 शिक्षामित्र थे फिर सपा की सरकार में सख्या 170000,172000 और 178000 हो गई जब की शिक्षामित्रो के पद केवल 170000 ही थे और शिक्षामित्र योजन जून 2010 में ही बन्द हो गई उसके बाद कोई शिक्षामित्र नही लगा है। बसपा सरकार में 10%कोटा शिक्षामित्रो को बीटीसी की सीटो पर दिया गया था । उस कोटे को कब बन्द किया गया पता ही नही चला 2016 में एक अख़बार की रिपोट के अनुसार 10000 के लगभग शिक्षामित्र सीधी भर्ती में अध्यापक बन गये य लोगो ने नौकरी छोड़ दी कुछ लोगो की मौत हो गई अगर इस आकड़े पर गौर करे तो इस समय शिक्षामित्रो की सख्या केवल 156000 ही होना चहिए जिस में से अगर 124000 स्नातक पास को निकालने पर सख्या केवल 32000 होना चहिए लेकिन यहा रोज सख्या बढ़ रही है। इस बिषय पर कोई भी नेता क्यों नही बोलता है जब पहले से ही दो तरह के शिक्षामित्र है फिर सब को एक लाइन में क्यों रखा जा रहा है। एक बड़ी संख्या को कम सख्या के लोग बेवकूफ बना रहे है।
- देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा शाहजहाँपुर
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

UPTET news