पीलीभीत: शिक्षामित्रों ने अर्धनग्न होकर किया प्रदर्शन, कैबिनेट के निर्णय के विरोध में बीएसए कार्यालय पर दिया धरना
पीलीभीत : संयुक्त समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र संघर्ष समिति के तत्वावधान में शिक्षामित्रों ने सरकार के फैसले के विरोध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दूसरे दिन धरना जारी रहा, जिसमें शिक्षामित्रों ने अर्धनग्न प्रदर्शन कर विरोध जताया। शिक्षामित्रों ने समान कार्य समान वेतन और आश्रम पद्धति पर हुई नियुक्ति की तरह सुविधा देने के आदेश को जारी करने की मांग की है। 1पांच सितंबर को राज्य कैबिनेट ने परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों को दस हजार रुपये मानदेय देने का फैसला किया। कैबिनेट के फैसले के विरोध में शिक्षामित्रों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। संयुक्त समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र संघर्ष समिति के बैनर तले शिक्षामित्र दूसरे दिन धरना पर डटे रहे। शिक्षामित्र समान कार्य समान वेतन दिए जाने व आश्रम पद्धति पर हुई नियुक्ति की तरह सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं। धरना प्रदर्शन के दौरान आंदोलन शिक्षामित्रों ने कपड़े उतारकर अर्धनग्न प्रदर्शन कर विरोध जताया। शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री विश्वनाथ सिंह कुशवाह ने कहा कि कोई भी शिक्षामित्र निराशा न पाले। मुख्यमंत्री ने संगठन की राय से हटकर कुछ भी निर्णय न लेने की बात कही थी। अपर मुख्य सचिव ने वार्ता को दरकिनार कर निर्णय लिया। इस निर्णय को किसी भी दशा में संगठन नहीं मानेगा। जिलाध्यक्ष महेंद्र पाल वर्मा ने कहा कि जब तक शिक्षामित्रों को हक वापस नहीं मिल जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा। धरना में प्रांतीय उपाध्यक्ष तीर्थदेव शर्मा, मंडल उपाध्यक्ष राम सिंह राठौर, सुरेश राठौर, संतोष कुमार पासवान, जिलाध्यक्ष हरिओम पांडेय, सच्चिदानंद वर्मा, चंद्रभान भावना सक्सेना, अमरदीप, गीता सक्सेना, सुमनबाला, दिनेश यादव आदि ने विचार व्यक्त किए। अपराह्न दो बजे आंदोलित शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री को संबोधित मांगों का ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार मिश्र को सौंपकर कार्रवाई की मांग की। शिक्षामित्रों ने पांच सितंबर के कैबिनेट निर्णय को तत्काल निरस्त करने की मांग की गई। धरना देने वालों में सूर्यकांत मिश्र, मंजू देवी, सर्वेश स्वर्णकार, नरेंद्र पाल सिंह, धर्मा देवी, वेदपाल सिंह, अनुपम शुक्ला, जगदीश पटेल, वीर सिंह गंगवार, सुनीता देवी, जगदीश गंगवार, हरीश गंगवार, मोहनलाल, राधाकृष्ण कुशवाहा, अमित पांडेय, ज्ञानेंद्र भोजवाल, महेश्वरी देवी, महिपाल सिंह, सोमपाल सिंह, कमला गंगवार, अनिल सिंह चौहान, आदर्श पटेल, विमला गंगवार, राम सनेही, आदर्श कुमारी, जगदीश सिंह आदि शामिल रहे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षामित्रों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई। महिला थानाध्यक्ष और कांस्टेबिल को तैनात किया गया। पुलिस फोर्स शिक्षामित्रों की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रख रही थी। फायर सर्विस की गाड़ी भी तैनात रही।गुरुवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में धरना देते शिक्षामित्र ’ जागरण’>>जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पुलिस की तैनाती1’ कैबिनेट फैसले के विरोध में शिक्षामित्रों ने फूंका आंदोलन का बिगुल



sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
पीलीभीत : संयुक्त समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र संघर्ष समिति के तत्वावधान में शिक्षामित्रों ने सरकार के फैसले के विरोध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दूसरे दिन धरना जारी रहा, जिसमें शिक्षामित्रों ने अर्धनग्न प्रदर्शन कर विरोध जताया। शिक्षामित्रों ने समान कार्य समान वेतन और आश्रम पद्धति पर हुई नियुक्ति की तरह सुविधा देने के आदेश को जारी करने की मांग की है। 1पांच सितंबर को राज्य कैबिनेट ने परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों को दस हजार रुपये मानदेय देने का फैसला किया। कैबिनेट के फैसले के विरोध में शिक्षामित्रों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। संयुक्त समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र संघर्ष समिति के बैनर तले शिक्षामित्र दूसरे दिन धरना पर डटे रहे। शिक्षामित्र समान कार्य समान वेतन दिए जाने व आश्रम पद्धति पर हुई नियुक्ति की तरह सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं। धरना प्रदर्शन के दौरान आंदोलन शिक्षामित्रों ने कपड़े उतारकर अर्धनग्न प्रदर्शन कर विरोध जताया। शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री विश्वनाथ सिंह कुशवाह ने कहा कि कोई भी शिक्षामित्र निराशा न पाले। मुख्यमंत्री ने संगठन की राय से हटकर कुछ भी निर्णय न लेने की बात कही थी। अपर मुख्य सचिव ने वार्ता को दरकिनार कर निर्णय लिया। इस निर्णय को किसी भी दशा में संगठन नहीं मानेगा। जिलाध्यक्ष महेंद्र पाल वर्मा ने कहा कि जब तक शिक्षामित्रों को हक वापस नहीं मिल जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा। धरना में प्रांतीय उपाध्यक्ष तीर्थदेव शर्मा, मंडल उपाध्यक्ष राम सिंह राठौर, सुरेश राठौर, संतोष कुमार पासवान, जिलाध्यक्ष हरिओम पांडेय, सच्चिदानंद वर्मा, चंद्रभान भावना सक्सेना, अमरदीप, गीता सक्सेना, सुमनबाला, दिनेश यादव आदि ने विचार व्यक्त किए। अपराह्न दो बजे आंदोलित शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री को संबोधित मांगों का ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार मिश्र को सौंपकर कार्रवाई की मांग की। शिक्षामित्रों ने पांच सितंबर के कैबिनेट निर्णय को तत्काल निरस्त करने की मांग की गई। धरना देने वालों में सूर्यकांत मिश्र, मंजू देवी, सर्वेश स्वर्णकार, नरेंद्र पाल सिंह, धर्मा देवी, वेदपाल सिंह, अनुपम शुक्ला, जगदीश पटेल, वीर सिंह गंगवार, सुनीता देवी, जगदीश गंगवार, हरीश गंगवार, मोहनलाल, राधाकृष्ण कुशवाहा, अमित पांडेय, ज्ञानेंद्र भोजवाल, महेश्वरी देवी, महिपाल सिंह, सोमपाल सिंह, कमला गंगवार, अनिल सिंह चौहान, आदर्श पटेल, विमला गंगवार, राम सनेही, आदर्श कुमारी, जगदीश सिंह आदि शामिल रहे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षामित्रों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई। महिला थानाध्यक्ष और कांस्टेबिल को तैनात किया गया। पुलिस फोर्स शिक्षामित्रों की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रख रही थी। फायर सर्विस की गाड़ी भी तैनात रही।गुरुवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में धरना देते शिक्षामित्र ’ जागरण’>>जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पुलिस की तैनाती1’ कैबिनेट फैसले के विरोध में शिक्षामित्रों ने फूंका आंदोलन का बिगुल



sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines