10 हजार रुपये मानदेय देने के प्रस्ताव पर भड़के शिक्षामित्रों का प्रदर्शन शनिवार को उग्र हो गया। सुबह से ही प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा को घेरने की रणनीति में जुटे शिक्षामित्र जब इसमें सफल नहीं हुए तो पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाऊस में भाजपा के तीन सांसदों व तीन विधायकों को ही बंधक बना लिया।
अधिकारियों की गाड़ियों के सामने लेट गये। भारी संख्या में पुलिस की मौजूदगी के बावजूद पीछे नहीं हटे। काफी देर बाद गेस्ट हाऊस से बाहर निकले बैरिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह शिक्षामित्रों के बीच पहुंचे और उनके साथ धरने पर बैठ गये। उनकी पहल पर बातचीत शुरू हुई और करीब दो घंटे बाद शिक्षामित्र हटने को राजी हो गये।
ऊर्जा मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा यहां ऋणमाफी कार्यक्रम में पहुंचे थे। आंदोलित शिक्षामित्रों ने पहले से उनके विरोध करने का ऐलान किया था। शिक्षामित्रों के अल्टीमेटम से जिला प्रशासन परेशान था। शुक्रवार को देर शाम अधिकारियों ने शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक पंकज सिंह, सह संयोजक सूर्यप्रकाश यादव आदि से वार्ता कर भरोसा दिलाया था कि 20 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को प्रभारी मंत्री से मिलवाया जायेगा।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक शनिवार को शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय पहंुचे और धरना शुरू कर दिये। इसके चलते बीएसए कार्यालय का ताला तीसरे दिन भी नहीं खुला। इसी बीच, अधिकारियों ने प्रभारी मंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल की सूची भी ले लिया। निर्धारित समय पर शिक्षामित्रों का प्रतिनिधि मंडल मंत्री से मिलने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाऊस पहुंचा तो पता चला कि मंत्री चले गये हैं। इतना सुनते ही आक्रोशित शिक्षामित्रों ने गेस्ट हाऊस के मुख्यद्वार पर विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी शुरू कर दी। पुरुषों के अधिक गुस्से में महिला शिक्षामित्र दिख रही थीं। उस समय गेस्ट हाऊस में ही सांसद भरत सिंह, सांसद रवीन्द्र कुशवाहा व सांसद हरिनारायण राजभर तथा तीन विधायक संजय यादव, धनंजय कन्नौजिया व सुरेंद्र सिंह मौजूद थे। शिक्षामित्रों का उग्र तेवर देख प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे। भारी संख्या में पीएसी व पुलिस के साथ कई थानों के एसओ पहुंच गये। कुछ देर बाद बैरिया विधायक गेस्ट हाऊस से निकलकर सीधे शिक्षामित्रों के बीच पहुंचे गये। उन्होंने शिक्षामित्रों की मांगों को जायज ठहराते हुए कहा कि सरकार जब 10 हजार दे सकती है तो 40 हजार क्यों नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि मैं पहले शिक्षक हूं, बाद में विधायक। शिक्षामित्रों को भरोसा दिलाया कि उनकी बात को मुख्यमंत्री के सामने प्रमुखता से रखेंगे।
छावनी में बदला बीएसए कार्यालय
शिक्षामित्रों के ऊर्जा मंत्री के विरोध के ऐलान से जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट था। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन कमर कसकर तैयार था। बीएसए कार्यालय तो पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। उधर, ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम स्थल पर भी चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान डटे थे। अग्निशमन दस्ता के साथ ही विभिन्न थानों की पुलिस व पीएसी के जवान शहर में पैनी नजर रखे थे। पीडब्ल्यूडी डाक बंगला पर शिक्षामित्रों के प्रदर्शन को देखते हुए कुंवर सिंह चौराहे से वाहनों को पुलिस ने दूसरे रूट पर डायवर्ट कर दिया था।
आंदोलन स्थगित, अब दिल्ली कूच करेंगे
शिक्षामित्रों ने प्रदेश संगठन के निर्देश पर जिला मुख्यालय पर चल रहा धरना-प्रदर्शन शनिवार को स्थगित कर दिया। दिल्ली के जंतर-मंतर पर 11 सितम्बर से आयोजित धरना-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दर्जनों शिक्षामित्र शनिवार को ही रवाना हो गये। दस सितम्बर को सैकड़ों शिक्षामित्र विभिन्न साधनों से दिल्ली के लिए कूच करेंगे। शिक्षामित्रों का कहना है कि वह अपने हक के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।

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अधिकारियों की गाड़ियों के सामने लेट गये। भारी संख्या में पुलिस की मौजूदगी के बावजूद पीछे नहीं हटे। काफी देर बाद गेस्ट हाऊस से बाहर निकले बैरिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह शिक्षामित्रों के बीच पहुंचे और उनके साथ धरने पर बैठ गये। उनकी पहल पर बातचीत शुरू हुई और करीब दो घंटे बाद शिक्षामित्र हटने को राजी हो गये।
ऊर्जा मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा यहां ऋणमाफी कार्यक्रम में पहुंचे थे। आंदोलित शिक्षामित्रों ने पहले से उनके विरोध करने का ऐलान किया था। शिक्षामित्रों के अल्टीमेटम से जिला प्रशासन परेशान था। शुक्रवार को देर शाम अधिकारियों ने शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक पंकज सिंह, सह संयोजक सूर्यप्रकाश यादव आदि से वार्ता कर भरोसा दिलाया था कि 20 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को प्रभारी मंत्री से मिलवाया जायेगा।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक शनिवार को शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय पहंुचे और धरना शुरू कर दिये। इसके चलते बीएसए कार्यालय का ताला तीसरे दिन भी नहीं खुला। इसी बीच, अधिकारियों ने प्रभारी मंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल की सूची भी ले लिया। निर्धारित समय पर शिक्षामित्रों का प्रतिनिधि मंडल मंत्री से मिलने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाऊस पहुंचा तो पता चला कि मंत्री चले गये हैं। इतना सुनते ही आक्रोशित शिक्षामित्रों ने गेस्ट हाऊस के मुख्यद्वार पर विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी शुरू कर दी। पुरुषों के अधिक गुस्से में महिला शिक्षामित्र दिख रही थीं। उस समय गेस्ट हाऊस में ही सांसद भरत सिंह, सांसद रवीन्द्र कुशवाहा व सांसद हरिनारायण राजभर तथा तीन विधायक संजय यादव, धनंजय कन्नौजिया व सुरेंद्र सिंह मौजूद थे। शिक्षामित्रों का उग्र तेवर देख प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे। भारी संख्या में पीएसी व पुलिस के साथ कई थानों के एसओ पहुंच गये। कुछ देर बाद बैरिया विधायक गेस्ट हाऊस से निकलकर सीधे शिक्षामित्रों के बीच पहुंचे गये। उन्होंने शिक्षामित्रों की मांगों को जायज ठहराते हुए कहा कि सरकार जब 10 हजार दे सकती है तो 40 हजार क्यों नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि मैं पहले शिक्षक हूं, बाद में विधायक। शिक्षामित्रों को भरोसा दिलाया कि उनकी बात को मुख्यमंत्री के सामने प्रमुखता से रखेंगे।
छावनी में बदला बीएसए कार्यालय
शिक्षामित्रों के ऊर्जा मंत्री के विरोध के ऐलान से जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट था। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन कमर कसकर तैयार था। बीएसए कार्यालय तो पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। उधर, ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम स्थल पर भी चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान डटे थे। अग्निशमन दस्ता के साथ ही विभिन्न थानों की पुलिस व पीएसी के जवान शहर में पैनी नजर रखे थे। पीडब्ल्यूडी डाक बंगला पर शिक्षामित्रों के प्रदर्शन को देखते हुए कुंवर सिंह चौराहे से वाहनों को पुलिस ने दूसरे रूट पर डायवर्ट कर दिया था।
आंदोलन स्थगित, अब दिल्ली कूच करेंगे
शिक्षामित्रों ने प्रदेश संगठन के निर्देश पर जिला मुख्यालय पर चल रहा धरना-प्रदर्शन शनिवार को स्थगित कर दिया। दिल्ली के जंतर-मंतर पर 11 सितम्बर से आयोजित धरना-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दर्जनों शिक्षामित्र शनिवार को ही रवाना हो गये। दस सितम्बर को सैकड़ों शिक्षामित्र विभिन्न साधनों से दिल्ली के लिए कूच करेंगे। शिक्षामित्रों का कहना है कि वह अपने हक के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।

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