मथुरा: सरकार के निर्णय से आंदोलित शिक्षामित्र बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री से मिलने तो गए थे फरियाद लेकर लेकिन उनके तेवर देखकर दंग रह गए। स्वतंत्र प्रभार मंत्री अनुपमा जायसवाल ने उनसे दो टूक कह दिया
मानदेय सीमित ही तो किया है उनसे रिकवरी तो नहीं की।
इस पर शिक्षा मित्रों ने चेतावनी दी सरकार में हिम्मत है तो रिकवरी करके दिखाए। 1बेसिक शिक्षा मंत्री के जिला आगमन की जानकारी पर शिक्षामित्र मंत्री के आने से पहले ही प्रदर्शन करते हुए लोक निर्माण विभाग निरीक्षण गृह पहुंच गए। यहां पहले से मुस्तैद पुलिस और प्रशासन ने उन्हें रोके लिया। शिक्षामित्र मंत्री के सामने किसी तरह का हंगामा न करें, इस बात की पूरी सतर्कता बरतते हुए प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात कराने की जुगत की। प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से बंद कमरे में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। 1वार्ता कर बाहर निकले शिक्षा मित्रों के नेताओं ने बताया कि मंत्री ने कोर्ट का नाम लेते हुए रिकवरी का भय दिखाया। इस पर शिक्षामित्रों ने अपनी सख्त नाराजगी जताते हुए सरकार को खुले तौर पर चेतावनी दी है कि सरकार में हिम्मत है तो रिकवरी करके दिखाए। प्रतिनिधि मंडल ने बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री अनुपमा जयसवाल से समस्या का समाधान निकालने की गुहार लगाई। प्रतिनिधि मंडल में शामिल शिक्षामित्र संघर्ष समिति के संयोजक खेमसिंह चौधरी, दुष्यंत सारस्वत और गिरधारी लाल शर्मा, सतीश सैनी, सुनीता शर्मा और पुष्पा तिवारी ने बताया कि शिक्षामंत्री ने कहा कि मुङो तो इस बात का डर है कि आपके आंदोलन से कुपित होकर सुप्रीम कोर्ट कहीं रिकवरी का आदेश न कर दे। फिर हमें वह आदेश मानना होगा। मंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 से दस हजार रुपये कर दिया। इस पर प्रतिनिधि मंडल सदस्यों ने कहा कि आपने चालीस हजार से घटाकर दस हजार कर दिया। उन्होंने मंत्री से कहा कि प्रदेश के शिक्षामित्र ही बर्बाद नहीं हो रहे प्रदेश की बेसिक शिक्षा भी बर्बाद हो रही है।
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मानदेय सीमित ही तो किया है उनसे रिकवरी तो नहीं की।
इस पर शिक्षा मित्रों ने चेतावनी दी सरकार में हिम्मत है तो रिकवरी करके दिखाए। 1बेसिक शिक्षा मंत्री के जिला आगमन की जानकारी पर शिक्षामित्र मंत्री के आने से पहले ही प्रदर्शन करते हुए लोक निर्माण विभाग निरीक्षण गृह पहुंच गए। यहां पहले से मुस्तैद पुलिस और प्रशासन ने उन्हें रोके लिया। शिक्षामित्र मंत्री के सामने किसी तरह का हंगामा न करें, इस बात की पूरी सतर्कता बरतते हुए प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात कराने की जुगत की। प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से बंद कमरे में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। 1वार्ता कर बाहर निकले शिक्षा मित्रों के नेताओं ने बताया कि मंत्री ने कोर्ट का नाम लेते हुए रिकवरी का भय दिखाया। इस पर शिक्षामित्रों ने अपनी सख्त नाराजगी जताते हुए सरकार को खुले तौर पर चेतावनी दी है कि सरकार में हिम्मत है तो रिकवरी करके दिखाए। प्रतिनिधि मंडल ने बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री अनुपमा जयसवाल से समस्या का समाधान निकालने की गुहार लगाई। प्रतिनिधि मंडल में शामिल शिक्षामित्र संघर्ष समिति के संयोजक खेमसिंह चौधरी, दुष्यंत सारस्वत और गिरधारी लाल शर्मा, सतीश सैनी, सुनीता शर्मा और पुष्पा तिवारी ने बताया कि शिक्षामंत्री ने कहा कि मुङो तो इस बात का डर है कि आपके आंदोलन से कुपित होकर सुप्रीम कोर्ट कहीं रिकवरी का आदेश न कर दे। फिर हमें वह आदेश मानना होगा। मंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 से दस हजार रुपये कर दिया। इस पर प्रतिनिधि मंडल सदस्यों ने कहा कि आपने चालीस हजार से घटाकर दस हजार कर दिया। उन्होंने मंत्री से कहा कि प्रदेश के शिक्षामित्र ही बर्बाद नहीं हो रहे प्रदेश की बेसिक शिक्षा भी बर्बाद हो रही है।
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