लखनऊ. जंतर-मंतर के बाद सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इससे पहले जंतर-मंतर पर यूपी के 50 हजार शिक्षामित्रों के प्रोटेस्ट कर रहे हैं।
पिछले चार दिनों के प्रोटेस्ट की परमिशन दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर पर दी थी। इस बीच शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने HRD मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान उनकी बात बेनतीजा रही, जिसके बाद शिक्षामित्र दिल्ली की सड़कों पर निकल गए। फिलहाल उनका प्रोटेस्ट जारी है।अर्धनग्न होकर किया था मंगलवार को प्रदर्शन...
- दिल्ली के जंतर-मंतर पर मंगलवार को शिक्षामित्रों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान मंगलवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर ''पीएम मोदी अपना वादा पूरा करो'', ''योगी सरकार हाय-हाय'' के नारे भी लगाए थे।
समान काम, समान वेतन की मांग
-प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा, "योगी सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है। जिनकी वजह से दिल्ली का रुख करना पड़ा। हमने 3 दिनों तक धरना दिया, फिर सीएम योगी से मुलाकात हुई लेकिन अधिकारीयों ने हमें राहत नहीं दी। कैबिनेट ने 10 हजार रुपए मानदेय देने के फैसले पर मुहर लगा दी। अब हमें पीएम मोदी से आस है कि वह हमारी सुनेंगे। हम उनके सामने भी समान कार्य समान वेतन की मांग रखेंगे।"
क्या है शिक्षामित्रों का मामला?
- यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना होगा। इसके लिए उन्हें दो साल में दो मौके मिलेंगे।
- बता दें, 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में यह फैसला उनके ऊपर भी लागू होगा। साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी।
- जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा।
- सुप्रीम कोर्ट से समायोजन कैंसिल होने के बाद से शिक्षामित्र योगी सरकार से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शिक्षामित्रों को 3500 रूपए मानदेय मिलता है जिसे वो 39 हजार रूपए करने की मांग कर रहे हैं।
- मानदेय बढ़ाने, अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का समायोजन करने सहित कई अन्य मुद्दों पर शिक्षामित्रों की सीएम योगी आदित्यनाथ और अपर सचिव बेसिक शिक्षा, राज प्रताप से अब तक कुल 3 बार वार्ता हुई थी। इसके बाद योगी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग कर शिक्षामित्रों को मानदेय 10 हजार रूपए तय कर दिया। लेकिन इसके बाद भी शिक्षामित्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
योगी सरकार के मंत्री ने कहा- सरकार कुछ नहीं कर सकती
- इस बीच यूपी सरकार में मंत्री एसपी बघेल ने कहा- ''सभी लोगों को प्रदर्शन करने का अधिकार,कानून व्यवस्था भंग हुई तो सरकार एक्शन लेगी।''
- ''सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय 10 हज़ार तय किया है। शिक्षामित्र प्रदर्शन कर रहे हैं तो करें, सरकार कुछ नहीं कर सकती।''
अखिलेश ने किया था ट्वीट
- वहीं, 7 जुलाई को अखिलेश यादव ने एक ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने लिखा- ''अब उत्तर प्रदेश के गांवों में बच्चों की पढ़ाई बंद।''
- इससे पहले 21 अगस्त को भी अखिलेश ने शिक्षामित्रों के सपोर्ट में एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था- ''लखनऊ में लाखों शिक्षामित्र अपने परिवार के भरण-पोषण और अपने आत्मसम्मान को बचाने के लिए इकट्ठा हुए हैं, Picnic के लिए नहीं।''
- ये ट्वीट सीएम योगी के उस बयान के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ लोग गोरखपुर को पिकनिक स्पॉट बनाने पर तुले हैं। हम इस शहर को पिकनिक स्पॉट नहीं बनने देंगे। ये बयान योगी ने राहुल गांधी के गोरखपुर दौरे से पहले दिया था।
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पिछले चार दिनों के प्रोटेस्ट की परमिशन दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर पर दी थी। इस बीच शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने HRD मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान उनकी बात बेनतीजा रही, जिसके बाद शिक्षामित्र दिल्ली की सड़कों पर निकल गए। फिलहाल उनका प्रोटेस्ट जारी है।अर्धनग्न होकर किया था मंगलवार को प्रदर्शन...
- दिल्ली के जंतर-मंतर पर मंगलवार को शिक्षामित्रों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान मंगलवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर ''पीएम मोदी अपना वादा पूरा करो'', ''योगी सरकार हाय-हाय'' के नारे भी लगाए थे।
समान काम, समान वेतन की मांग
-प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा, "योगी सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है। जिनकी वजह से दिल्ली का रुख करना पड़ा। हमने 3 दिनों तक धरना दिया, फिर सीएम योगी से मुलाकात हुई लेकिन अधिकारीयों ने हमें राहत नहीं दी। कैबिनेट ने 10 हजार रुपए मानदेय देने के फैसले पर मुहर लगा दी। अब हमें पीएम मोदी से आस है कि वह हमारी सुनेंगे। हम उनके सामने भी समान कार्य समान वेतन की मांग रखेंगे।"
क्या है शिक्षामित्रों का मामला?
- यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना होगा। इसके लिए उन्हें दो साल में दो मौके मिलेंगे।
- बता दें, 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में यह फैसला उनके ऊपर भी लागू होगा। साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी।
- जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा।
- सुप्रीम कोर्ट से समायोजन कैंसिल होने के बाद से शिक्षामित्र योगी सरकार से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शिक्षामित्रों को 3500 रूपए मानदेय मिलता है जिसे वो 39 हजार रूपए करने की मांग कर रहे हैं।
- मानदेय बढ़ाने, अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का समायोजन करने सहित कई अन्य मुद्दों पर शिक्षामित्रों की सीएम योगी आदित्यनाथ और अपर सचिव बेसिक शिक्षा, राज प्रताप से अब तक कुल 3 बार वार्ता हुई थी। इसके बाद योगी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग कर शिक्षामित्रों को मानदेय 10 हजार रूपए तय कर दिया। लेकिन इसके बाद भी शिक्षामित्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
योगी सरकार के मंत्री ने कहा- सरकार कुछ नहीं कर सकती
- इस बीच यूपी सरकार में मंत्री एसपी बघेल ने कहा- ''सभी लोगों को प्रदर्शन करने का अधिकार,कानून व्यवस्था भंग हुई तो सरकार एक्शन लेगी।''
- ''सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय 10 हज़ार तय किया है। शिक्षामित्र प्रदर्शन कर रहे हैं तो करें, सरकार कुछ नहीं कर सकती।''
अखिलेश ने किया था ट्वीट
- वहीं, 7 जुलाई को अखिलेश यादव ने एक ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने लिखा- ''अब उत्तर प्रदेश के गांवों में बच्चों की पढ़ाई बंद।''
- इससे पहले 21 अगस्त को भी अखिलेश ने शिक्षामित्रों के सपोर्ट में एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था- ''लखनऊ में लाखों शिक्षामित्र अपने परिवार के भरण-पोषण और अपने आत्मसम्मान को बचाने के लिए इकट्ठा हुए हैं, Picnic के लिए नहीं।''
- ये ट्वीट सीएम योगी के उस बयान के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ लोग गोरखपुर को पिकनिक स्पॉट बनाने पर तुले हैं। हम इस शहर को पिकनिक स्पॉट नहीं बनने देंगे। ये बयान योगी ने राहुल गांधी के गोरखपुर दौरे से पहले दिया था।
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