शिक्षामित्र समायोजन : सियासत की भूल ने बर्बाद किए कई परिवार

एटा। सियासत की भूल उनके लिए परेशानी का सबब बन गई। समायोजन के फैसले ने जहां उनकी खुशियोें में चार चांद लगाए थे, वहीं कोर्ट के फैसले ने पल भर में उनकी खुशियां छीन लीं।
आलम यह है कि समायोजन रद्द होने के बाद जिले के सैकड़ों शिक्षामित्रों के परिवारों में संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। तमाम शिक्षामित्रों के रिश्ते टूट गए और कई के परिवार टूटने के कगार पर हैं।

केस नंबर एक
तुम जेल में रहना, हम मायके रहेंगे
शहर निवासी एक शिक्षामित्र का परिवार टूटने की कगार पर है। शुक्रवार को हुए संघर्ष के बाद पुलिस ने शिक्षामित्र को जेल भेज दिया। समायोजन रद्द होने के बाद से मायके में रह रही पत्नी को जब पति के जेल जाने की खबर मिली, तो उसने संदेश भिजवा दिया है कि तुम जेल में रहना, हम मायके रह लेंगे।

केस नंबर दो
नौकरी लगने दो तब शादी होगी
सकीट क्षेत्र के एक शिक्षामित्र का विवाह समायोजन होने के बाद तय हो गया था। सगाई भी हो चुकी थी। जब समायोजन रद्द हो गया, तो लड़की वालों का फोन आ गया कि नौकरी लग जाने दो तब शादी करेंगे। अगर नौकरी नहीं लगी तो शादी भी नहीं होगी।

केस नंबर तीन
तुमसे कुछ नहीं होगा
मारहरा क्षेत्र के एक अन्य शिक्षामित्र के घर में समायोजन रद्द होने के बाद से हंगामा मचा है। आए दिन पत्नी बोल रही है कि पढ़कर टेट पास कर लो। धरना के चक्कर मेें क्योें पड़े हो? शिक्षामित्र मानने को तैयार नहीं है। अब पत्नी ने अल्टीमेटम दे दिया है कि तुमसे कुछ नहीं होगा। टेट पास नहीं किया, तो रिश्ता खत्म।

लोन चुकाने के लिए माथे पर बल
समायोजन होने के बाद सैकड़ों शिक्षामित्रों ने बैंक से विभिन्न कार्यों के लिए लोन लिया था। सोचा था कि वेतन में से कटौती होती रहेगी। लेकिन समायोजन रद्द होेने के बाद बैंकों से नोटिस आने लगे हैं। पिछले 6 महीने से कई शिक्षामित्रों ने बैंक की किश्त तक जमा नहीं की है।
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