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सरकार की वादा खिलाफी, जारी रहेगा आंदोलन

कौशांबी : शिक्षामित्रों को धरना सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान शिक्षामित्रों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करते हुए प्रदेश सरकार से शिक्षामित्रों की मांगों को पूरा करने की बात कहीं।

जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ रत्नाकर ¨सह ने कहा कि 17 साल तक शिक्षामित्रों ने पूरे मनोयोग से छात्रों को शिक्षा दी है। यह छात्र आज कई केंद्रीय व राज्य सरकार की सेवा कर रहे हैं। उनको शिक्षा देने वाले आज अपने हक को लेकर सड़क पर है। यह सब प्रदेश सरकार की वादा खिलाफी के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने शिक्षामित्रों का सामायोजन समाप्त कर दिया गया है। इसको लेकर वह लगातार सरकार से मांग कर रहे थे। इसके बाद भी उनकी मांगों को लेकर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। इस कारण आज शिक्षामित्रों को अपने हक के लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। धरने के बाद संयुक्त शिक्षामित्र संघ के नेतृत्व में शिक्षामित्र उदय ¨सह यादव, इरशाद अहमद, विमल गौतम, विजय वहादुर, विद्याचरण शुक्ल, रेवतीरमण पांडेय, मो. इरफान, शफीना, मीना देवी, सविता विश्वकर्मा, नयनलाल, शिवमूर्ति, अजय पांडेय, जितेंद्र कुमार, नारायण ¨सह, सोमप्रकाश आदि ने पांच सूत्री मांगों को ज्ञापन डीएम को सौंपा। शिक्षामित्रों की मांग थी कि वह शिक्षामित्रों को आश्रम पद्धति विद्यालय के अनुसार समान कार्य का समान वेतन, शिक्षामित्रों के शिष्ठ मंडल की बातों को लागू करने, पैरा चार में संशोधन कर टीइटी से छूट, रिव्यू पिटीशन में सरकार का सहयोग व प्रति वर्ष 2.5 अंक व अधिकतम 25 अंक का भारंश आदि के संबंध में छूट देने दी जाए। कहा कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में शिक्षामित्रों के संगठन से वार्ता की थी। इसके बाद भी फैसले के समय इन बातों को लेकर कोई महत्व नहीं दिया गया। सरकार ने इसको लेकर जल्द फैसला नहीं किया तो शिक्षक इसको लेकर अपने हक में फैसला न होने तक धरना जारी रखेंगे।
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