SHIKSHAMITRA: नाराज शिक्षामित्रों ने बुलंद की आवाज, सर्वशिक्षा अभियान से डीएम कार्यालय तक किया मार्च, सरकार से शिक्षामित्रों के पक्ष में फैसला लेने को भेजा ज्ञापन

इलाहाबाद : समस्या का स्थायी समाधान न होने से नाराज शिक्षामित्रों ने गुरुवार को अपनी आवाज और बुलंद की। सैकड़ों की संख्या में शिक्षामित्र कलेक्टेट पहुंचे। यहां पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
शिक्षामित्रों का कहना है कि उनके मूलपद पर भेजने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने विधि परामर्श लेने की बात कही थी। परन्तु राज्य सरकार ने उन्हें दस हजार महीने का मानदेय पर उनके मूल पदों पर वापस भेज दिया। इसका किया जाएगा। 1जिले के विभिन्न शिक्षाखंड के शिक्षामित्र सुबह 11 बजे सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय पर पहुंचे। यहां पर संयुक्त शिक्षामित्र संघर्ष समिति के तत्वावधान में सैकड़ों की संख्या में शिक्षामित्र जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। जुटे सदस्यों ने अर्धनग्न प्रदर्शन किया। शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। इसमें प्रदेशभर के शिक्षामित्रों को सुरक्षित करने की मांग की गई। ज्ञापन में गत माह मुख्यमंत्री से समान कार्य समान वेतन की बात कही गई है। शिक्षामित्रों को प्रतिमाह दस हजार रुपये प्रदान करने की बात को सिरे से नकार दिया गया। इसे सरकार का अन्यायपूर्ण कदम बताया। इस निर्णय को शिक्षामित्रों की भावनाएं आहत करने वाला बताया। सभी ने एक स्वर में सरकार के फैसले का किया। मुख्यमंत्री से शिक्षामित्रों के हित में फैसला लेने की मांग की गई। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी, जिलामंत्री अरुण सिंह, जिलामंत्री जनार्दन पांडेय, विनय सिंह, जनार्दन पांडेय, जगदीश केशरी, कौशलेश सिंह, अब्दुल मुकीत मो. अख्तर, विनय पांडेय और शिवपूजन सिंह आदि थे।
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