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पुलिस आरक्षी भर्ती के 34 हजार पदों पर समायोजन को लेकर सड़कों पर उतरे अभ्यर्थी, गिरफ्तार

समायोजन की मांग को लेकर मंगलवार को लखनऊ में विधानभवन का घेराव करने जा रहे पुलिस आरक्षी भर्ती 2015 के सैकड़ों अभ्यर्थियों को पुलिस ने बैरिकेटिंग लगाकर बापू भवन के पास रोक लिया।
प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों में काफी देर तक चली धक्कामुक्की के बाद पुलिस सैकड़ों अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर जबरन बसों में लाद लिया। उन्हें गोसाईगंज ले जाया गया। वहीं तितरबितर हुये सैकड़ों के संख्या में अभ्यर्थी लक्ष्मण मेला मैदान में एकत्र हुये और नारेबाजी की। शाम को सभी प्रदर्शनकारी अपने साथियों की रिहाई के लिये गोसाईगंज जिला कारागार कूच कर गये।
उच्च न्यायालय में राज्य सरकार की ओर से प्रभावी पक्ष न रखने से नाराज पुलिस आरक्षी भर्ती 2015 के प्रदेश भर से सैकड़ों सफल अभ्यर्थी सुबह ही चारबाग स्टेशन पर जुट गये थे। यहां से जुलूस की शक्ल में अभ्यर्थियों ने बीर बहादुर सिंह की अगुवाई में विधानभवन की ओर कूच किया। बापू भवन के पास पहले से मुस्तैद पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेटिंग लगाकर रोक दिया। नाराज अभ्यर्थियों और पुलिस में धक्कामुक्की शुरू हो गई। काफी देर तक चली नारेबाजी और नोकझोंक के बाद पुलिस ने करीब 200 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर जबरन बसों में लाद लिया। सभी प्रदर्शनकारियों को गोसाईगंज जिला कारागार ले जाया गया। गिरफ्तारी से बच कर सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी लक्ष्मण मेला मैदान पहुंचे।
प्रदर्शन करने के बाद शाम को अपने साथियों की रिहाई के लिये अभ्यर्थियों ने गोसाईगंज कूच कर दिया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे बीरबहादुर सिंह ने बताया कि सपा सरकार ने 29 दिसंबर 2015 में सिपाहियों की 34716 पदों पर भर्ती निकाली थी। भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ दलगत राजनीति के चलते रिट याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल कर दी गई। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने 27 मई 2016 को एक अंतरिम आदेश जारी कर परीक्षाफल के अंतिम परिणाम पर रोक लगा दी।

उनका कहना है कि सरकार के अधिवक्ता ने शुरू में तो न्यायालय में प्रभावी पैरवी की लेकिन बाद में लापरवाही के चलते उचित पैरवी नही कर रहे हैं जिसकी वजह से 28916 पुरुष और 5800 महिला पुलिस आरक्षी के अलावा पीएसी आरक्षी के पदों पर नियुक्तियां नही हो पा रही हैं। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में पुलिस भर्ती का परिणाम 20 जनवरी 2017 को सुरक्षित किया गया था लेकिन उसका परिणाम जारी नही किया गया।
उनका आरोप है कि बीती 4 अगस्त और 15 सितंबर को उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन राज्य सरकार ने अपना पक्ष नही रखा इसके बाद अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होनी है। उन्होंने राज्य सरकार से प्रभावी पैरवी करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से राय विक्रम बहादुर सिंह, अंशू यादव, सुशान्त राय, देवेन्द्र प्रताप सिंह, पुनीत सिंह, साक्षी यादव, राज लक्ष्मी, प्रेमलता, मोहम्मद अकबर शामिल रहे।

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