शासन द्वारा शिक्षा प्रेरकों की संविदा समाप्ति की घोषणा के बाद मंगलवार को आदर्श साक्षरता कर्मी वेलफेयर एसोसिएशन ने शासनादेश वापसी की मांग को लेकर बीएसए कार्यालय पर धरना दिया।
इस मौके पर प्रेरकों ने बीएसए कार्यालय निरीक्षण करने पहुंचे राज्य मंत्री संदीप सिंह को 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
आक्रोश
धरना दे रहे शिक्षा प्रेरकों ने राज्य मंत्री को दिया ज्ञापन
कहा शासनादेश वापस लिया जाय
धरने को सम्बोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय पाण्डेय ने कहा कि साक्षर भारत मिशन योजना के तहत शिक्षा प्रेरकों की नियुक्ति की गई थी। जिले में 2600 शिक्षा प्रेरक नियुक्त है। 15 माह से मानदेय भी नहीं मिल रहा है। भाजपा की सरकार में अपनी मांगों को लेकर लखनऊ में शांतिपूर्वक धरना देने गये शिक्षा प्रेरकों पर शासन के आदेश पर लाठी चार्ज कराई गई। जिसमें कई प्रेरक घायल हुए। इसके बाद प्रदेश सरकार ने कुछ दिन पहले अचानक 30 सितम्बर के बाद शिक्षा प्रेरकों की संविदा समाप्त करने की घोषणा कर दी। यह अनुचित है।
प्रदेश सरकार मानदेय देने की जगह शिक्षा प्रेरकों के पेट पर लात मार रही है। जो होने नहीं दिया जाएगा। इस मौके पर अनुदेशकों ने राज्य मंत्री को ज्ञापन देते हुए प्रदेश सरकार से मांग किया कि 15 माह से बकाया चल रहे साक्षरता कर्मचारियों का मानेदय तत्काल दिया जाय। कार्यरत कर्मचारियों का समयोजन किया जाय। प्रेरकों का नवीनीकरण अनुमोदन का आदेश दिया जाय। वर्ष 2015-16 में हुए समन्वयकों एवं प्रेरकों के प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र निर्गत किया जाय। धरने में जिले के सैकड़ों शिक्षा प्रेरक मौजूद रहे।

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इस मौके पर प्रेरकों ने बीएसए कार्यालय निरीक्षण करने पहुंचे राज्य मंत्री संदीप सिंह को 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
आक्रोश
धरना दे रहे शिक्षा प्रेरकों ने राज्य मंत्री को दिया ज्ञापन
कहा शासनादेश वापस लिया जाय
धरने को सम्बोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय पाण्डेय ने कहा कि साक्षर भारत मिशन योजना के तहत शिक्षा प्रेरकों की नियुक्ति की गई थी। जिले में 2600 शिक्षा प्रेरक नियुक्त है। 15 माह से मानदेय भी नहीं मिल रहा है। भाजपा की सरकार में अपनी मांगों को लेकर लखनऊ में शांतिपूर्वक धरना देने गये शिक्षा प्रेरकों पर शासन के आदेश पर लाठी चार्ज कराई गई। जिसमें कई प्रेरक घायल हुए। इसके बाद प्रदेश सरकार ने कुछ दिन पहले अचानक 30 सितम्बर के बाद शिक्षा प्रेरकों की संविदा समाप्त करने की घोषणा कर दी। यह अनुचित है।
प्रदेश सरकार मानदेय देने की जगह शिक्षा प्रेरकों के पेट पर लात मार रही है। जो होने नहीं दिया जाएगा। इस मौके पर अनुदेशकों ने राज्य मंत्री को ज्ञापन देते हुए प्रदेश सरकार से मांग किया कि 15 माह से बकाया चल रहे साक्षरता कर्मचारियों का मानेदय तत्काल दिया जाय। कार्यरत कर्मचारियों का समयोजन किया जाय। प्रेरकों का नवीनीकरण अनुमोदन का आदेश दिया जाय। वर्ष 2015-16 में हुए समन्वयकों एवं प्रेरकों के प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र निर्गत किया जाय। धरने में जिले के सैकड़ों शिक्षा प्रेरक मौजूद रहे।

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