राजस्व निरीक्षकों की आयोग से सीधी भर्ती की व्यवस्था खत्म
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ अब राजस्व निरीक्षकों के सारे पद लेखपालों, संग्रह अमीनों और अमीनों से पदोन्नति से भरे जाएंगे-
पहले 25 फीसदी राजस्व निरीक्षकों के लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती से भरे जाते थे - लेखपालों और संग्रह अमीनों के
पदोन्नति का कोटा भी बढ़ाया गया विशेष संवाददाता - राज्य मुख्यालय
प्रदेश सरकार ने राजस्व निरीक्षकों की लोक सेवा आयोग इलाहाबाद से होने वाली सीधी भर्ती की व्यवस्था खत्म कर दी है। राजस्व निरीक्षकों के 4,281 पदों के काडर में 25 फीसदी पद लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती के जरिए भरे जाते थे। जबकि 75 फीसदी पद लेखपाल, संग्रह अमीन और अमीन पदों पर तैनात कर्मचारियों से पदोन्नति के जरिए भरे जाते थे। अब कैबिनेट ने आयोग से भरे जाने वाले राजस्व निरीक्षकों के 25 फीसदी सीधी भर्ती पदों की व्यवस्था खत्म करने का फैसला किया है। अब राजस्व निरीक्षक के शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। यह जानकारी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सोमवार को कैबिनेट बैठक के बाद दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट के इस फैसले से लेखपाल और संग्रह अमीन का पदोन्नति का कोटा बढ़ा दिया गया है। पहले लेखपाल का पदोन्नति कोटा 55 फीसदी, संग्रह अमीनों का 18 फीसदी और अमीनों का दो फीसदी थी। लेखपाल काडर के लिए अब पदोन्नति का कोटा 55 फीसदी से बढ़ाकर 76 फीसदी और संग्रह अमीनों को पदोन्नति का कोटा 18 फीसदी से बढ़ाकर 22 फीसदी कर दिया गया है। अमीनों का पदोन्नति कोटा दो फीसदी ही रखा गया है। इस तरह राजस्व निरीक्षक काडर के अब शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। इससे लेखपाल जो 30-35 साल की सेवा पर राजस्व निरीक्षक बनते थे और तमाम लेखपाल पदों के अभाव में लेखपाल पद से ही रिटायर हो जाते थे। इस फैसले से लेखपालों को अब पदोन्नति के ज्यादा मौके मिल सकेंगे।
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