Important Posts

Advertisement

आगरा विविः 2004 के बाद जारी बीएड डिग्री की होगी जांच

बीएड की फर्जी डिग्री से नौकरी प्राप्त करने वाले शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटकी हुई है। बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों में तैनात उन सभी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच कराएगा, जिन्होंने साल 2004 के बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड किया है।
शासन ने फर्जी प्रमाण पत्रों से नौकरी प्राप्त करने वाले 4570 शिक्षकों की सूची भी तैयार कर ली है। अब इन शिक्षकों की वास्तविक पहचान के लिए इनकी बीएड डिग्री की जांच की जा रही है। सभी शिक्षकों से तीन नवंबर तक मूल प्रमाण मांगे गए हैं।
आपको बता दें की विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2005 में हुए फर्जीवाड़े में 4500 से ज्यादा फर्जी मार्कशीट जनरेट की गई थीं। इन फर्जी मार्कशीट से लोगों ने शिक्षा विभाग में नौकरी प्राप्त कर ली है। एसआइटी की जांच में ऐसे लोगों के नाम भी सामने आ गए हैं। इन सभी नामों की सीडी बनाकर हर जिले में एडी बेसिक और बीएसए को भेजी गई हैं। अब इस सीडी में दिए नामों में से बीएसए को अपने यहां तैनात फर्जी शिक्षकों की पहचान करनी है। इस काम में विभाग जुट गया है।
फर्जी शिक्षकों की पहचान के लिए आगरा में तैनात सभी परिषदीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की बीएड अंकपत्र की जांच की जा रही है। बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो अपने खंड में वर्ष 2004 के बाद तैनात सभी शिक्षकों की बीएड की मूल अंकतालिका जमा कर लें। वहीं बीएसए अर्चना गुप्ता ने बताया कि बीएड की फर्जी मार्कशीट की जांच के लिए शिक्षकों की बीएड की मार्कशीट मांगी गई हैं।

बीएड के मूल प्रमाण पत्र मांगने के बाद कई शिक्षकों के पसीने छूटने लगे हैं। एसआइटी का शिकंजा कसने के चलते अब फर्जी मार्कशीट से नौकरी हासिल करने वालों को पर्दाफाश होने की चिंता हो रही है।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

UPTET news