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टीईटी के साथ बनवाई थी बीएड की फर्जी डिग्री

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: शिक्षक बनने के लिए फर्जीवाड़े की हद कर दी गई। शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्र ही फर्जी नहीं थे, बल्कि बीएड की डिग्री भी शिक्षकों ने फर्जी बनवा ली थी।
फर्जी डिग्री के दम पर विभाग में नौकरी कर रहे थे। 31 शिक्षकों में 12 की टीईटी के साथ बीएड डिग्री भी फर्जी पाई गई है।

छह माह पहले तत्कालीन बीएसए रामकरन यादव ने शक के आधार पर कुछ शिक्षकों के टीईटी प्रमाण पत्रों की जांच की थी। इस दौरान 31 फर्जी शिक्षकों के टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी मिले थे। तत्कालीन बीएसए ने इन सभी शिक्षकों की सेवा समाप्त कर इन पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। बीएसए इनके अन्य अभिलेखों की जांच कराने की तैयारी कर रहे थे। इस बीच शासन ने उनका तबादला कर दिया, और ये मामला ठंडा पड़ गया। अब फिर जब डॉ. भीमराव अंबेडरक विश्वविद्यालय आगरा में हुए बीएड फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, तो किसी का ध्यान इन बर्खास्त शिक्षकों पर नहीं गया। विभाग के कर्मचारी फर्जी शिक्षकों की पहचान में जुटे रहे। इसी बीच जब बीएसए विजय प्रताप ¨सह ने बर्खास्त शिक्षकों के नाम का फर्जी बीएड डिग्रीधारकों की सूची से मिलान किया तो पैरों तले जमीन खिसक गई। जांच में पता चला कि बर्खास्त हुए 31 शिक्षकों में से 12 शिक्षकों का नाम बीएड की फर्जी डिग्री लेने वालों की सूची में था। बीएसए विजय प्रताप ¨सह ने बताया कि सोमवार को बीएड फर्जी डिग्रीधारकों की सूची के मिलान का कार्य पूरा हो जाएगा।
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