Important Posts

विद्यालयों में प्रार्थना के वकत पढ़ाया जाए संविधान का पाठ

विद्यालयों में बच्चों को सुबह-सुबह धार्मिक प्रार्थनाओं के स्थान पर संविधान का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए। इससे नई पीढ़ी संविधान को लेकर जागरुक होंगे। संविधान के मतलब को समझ पाएंगे। यह बातें केजीएमयू पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. संतोष कुमार ने कहीं।

वह रविवार को केजीएमयू में संविधान दिवस पर गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। डॉ. संतोष ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए अच्छे नागरिकों की जरूरत है। अच्छे नागरिक बिना संविधान की जानकारी के नहीं बन सकते हैं। इसलिए राष्ट्र निर्माण के लिए संविधान के बारे में स्कूलों में पढ़ाया जाए। न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. राजेश वर्मा ने चिकित्सा छात्रों में संविधान पर जागरूकता हेतु एक प्रश्नोत्तरी का प्रस्ताव दिया। जिसे सभा द्वारा ध्वनिमत से स्वीकार किया गया। यह निश्चित किया गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की सहमति से केजीएमयू के सभी छात्रों के बीच संविधान पर बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतियोगी को 26 जनवरी को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में डॉ. सुरेश बाबू, डॉ. पूरनचंद व डॉ. राजकुमार ने सभा को संविधान के अनछुए पहलुओं से अवगत कराया।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

UPTET news